Corona Effect : जिसने गांव की सैकड़ों लड़कियों को फुटबॉलर बनाया, ग्रामीणों ने उसे ही बाहर जाने को कहा
ओरमांझी के हुटुप गांव में युवा नामक संस्था पिछले 10 साल से गांव की गरीब लड़कियों को फुटबॉल का प्रशिक्षण दे रही है. अमेरिका के फ्रांज गैसलर की संस्था ने फुटबॉल के माध्यम से यहां की कई गरीब आदिवासी लड़कियों का करियर संवारा है. लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण फ्रांज को अब गांव से बाहर जाना पड़ा.
रांची : ओरमांझी के हुटुप गांव में युवा नामक संस्था पिछले 10 साल से गांव की गरीब लड़कियों को फुटबॉल का प्रशिक्षण दे रही है. अमेरिका के फ्रांज गैसलर की संस्था ने फुटबॉल के माध्यम से यहां की कई गरीब आदिवासी लड़कियों का करियर संवारा है. लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण फ्रांज को अब गांव से बाहर जाना पड़ा. फुटबॉल सीख रही लड़कियों ने फ्रांज को बताया कि उनके परिजनों ने मंगलवार रात कहा कि विदेशी लोगों से कोरोना फैलता है, इसलिए इन्हें यहां से चले जाना चाहिए. इस सूचना के बाद फ्रांज और उनके साथ एक अन्य व्यक्ति गांव के बाहर ही रहे.
इसकी सूचना मिलने पर बुधवार को प्रशासन की मदद से फ्रांज, उनकी पत्नी और उनके एक बच्चे की जांच मेदांता अस्पताल में करायी गयी. जांच में कोरोना निगेटिव पाये जाने पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन लोगों को डोरंडा स्थित उनके दोस्त के यहां भेज दिया गया है. फ्रांज ने बताया कि वह जनवरी में अमेरिका से वापस ओरमांझी आये हैं. मंगलवार रात उन्हें गांव की लड़कियों से पता चला कि लोग हमें यहां से बाहर जाने के लिए कह रहे हैं.
गांववालों का कहना था कि आप लोग विदेश से आये हैं और विदेश के लोग ही वायरस फैला रहे हैं. मैंने कहा कि ऐसा नहीं है. हम संक्रमित नहीं हैं. फिलहाल अमेरिका जाने के लिए कोई फ्लाइट नहीं है. जब फ्लाइट चलने लगेगी, तो हम वापस अमेरिका चले जायेंगे. इसके बाद हमने किसी तरह गांव के बाहर रहकर रात बितायी और सुबह ही अमेरिकी दूतावास से बात की और मदद मांगी. वहां से कहा गया कि आप कोलकाता स्थित अमेरिकी दूतावास पहुंच जायें. इसके बाद ओरमांझी थाना के लोग सुबह हमारे पास आये और हमें गांव के बाहर से लेकर गये. हम पहले मेदांता अस्पताल गये और वहां अपना टेस्ट कराया. इसके बाद रांची के डोरंडा स्थित एक दोस्त के घर आ गये. अब कोलकाता जाने की तैयारी है.