कोरोना संक्रमित आम लोगों को नहीं मिल रहा प्लाज्मा थेरेपी का लाभ

राजधानी में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज शुरू हो गया है. इसके इलाज से कोरोना संक्रमित स्वस्थ भी होने लगे हैं. दूसरी ओर प्लाज्मा थेरेपी से अब तक सिर्फ हैसियत व पहुंचवालों का ही इलाज हुआ है

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2020 3:55 AM

राजीव पांडेय, रांची : राजधानी में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज शुरू हो गया है. इसके इलाज से कोरोना संक्रमित स्वस्थ भी होने लगे हैं. दूसरी ओर प्लाज्मा थेरेपी से अब तक सिर्फ हैसियत व पहुंचवालों का ही इलाज हुआ है. कोरोना से संक्रमित आम आदमी इसकी पहुंच से दूर हैं. रिम्स में प्लाज्मा दान करनेवालों के आते ही प्लाज्मा थेरेपी के लिए पैरवी शुरू हो जाती है. रिम्स में अभी तक 14 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है, जिसे अब तक डॉक्टर, व्यापारी व उनके रिश्तेदारों को ही चढ़ाया गया है.

अब तक राजधानी के मेडिका, आर्किड, सैंम्फाेर्ड, मां राम प्यारी आदि निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमितों को ही प्लाज्मा उपलब्ध हो पाया है. रिम्स के एक भी संक्रमित को इसका लाभ नहीं मिला है. रिम्स के कोविड आइसीयू में 30 से ज्यादा गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है.

संक्रमितों के इलाज के लिए कोविड आइसीयू से रिम्स ब्लड बैंक को प्लाज्मा के लिए कई बार मांग पत्र भेजा गया, लेकिन प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पाया. इधर, ब्लड बैंक का कहना है कि कोविड आइसीयू से कोई मांग पत्र नहीं मिला है. गौरतलब है कि रिम्स में 28 जुलाई को प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की गयी थी. प्लाज्मा थेरेपी से इलाज का उद्देश्य हर गंभीर कोरोना संक्रमित काे स्वस्थ करना है.

नहीं मिला प्लाज्मा, मरीज की हो गयी मौत : रिम्स के कोविड आइसीयू में भर्ती एक संक्रमित को ओ पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत थी. उसके परिजन मांग पत्र लेकर रिम्स के ब्लड बैंक में घूमते रहे, लेकिन प्लाज्मा नहीं मिला. मरीज की मौत हो गयी. रिम्स ब्लड बैंक के कर्मचारियों द्वारा पहले कहा गया कि इस ग्रुप का प्लाज्मा है. बाद में कहा कि कंफ्यूजन हो गया था. यह प्लाज्मा दूसरे को चला गया है.

राजधानी में हैसियत व पैरवी वाले उठा रहे प्लाज्मा थेरेपी का फायदा

  • रिम्स के कोविड आइसीयू में भर्ती एक भी संक्रमित को नहीं मिला लाभ

  • कोविड आइसीयू में भर्ती संक्रमित को प्लाज्मा चढ़ाने के लिए ब्लड बैंक के पास मांग पत्र भेजा जाता है, लेकिन प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पाता है.

  • डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, कोविड आइसीयू इंचार्ज

केस स्टडी

राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती एक काेराेना संक्रमित (बुजुर्ग) को डॉक्टरों ने ओ पॉजिटिव प्लाज्मा चढ़ाने का परामर्श दिया है, लेकिन वह एक मंदिर के पुजारी हैं. हैसियत व पैरवी नहीं होने के कारण उनको प्लाज्मा नहीं मिल रहा है. परिजन अपने स्तर से हर संभव प्रयास करने में जुटे हैं.

हमारे पास दो यूनिट प्लाज्मा है. अभी तक रिम्स कोविड आइसीयू से कोई मांग पत्र नहीं मिला है. मांग पत्र आयेगा, तो हम उपलब्ध करा देंगे.

डॉ सुषमा कुमारी, ब्लड बैंक इंचार्ज

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