रांची : कोरोना संक्रमण को लेकर अबतक राज्य के जो आंकड़ें हैं वह बताते हैं कि यहां स्थिति भयावह नहीं है. यदि राज्य के लोग अनुशासन का परिचय दें तो जल्द ही हमलोग इससे उबरने लगेंगे, लेकिन इस समय अगर लापरवाही बरती, तो स्थिति बिगड़ सकती है. राज्य के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों का कहना है कि अक्तूबर व नवंबर त्योहारों का महीना है, इसलिए आवागमन बढ़ेगा. संक्रमित राज्यों से लोग अपने घर त्योहार में आयेंगे.
त्योहार में बाजार की रौनक बढ़ेगी. सड़कों पर भी भीड़ एकत्र होगी. ऐसे में सावधानी ज्यादा बरतनी होगी. कोरोना की गाइडलाइन का खुद सख्ती से पालन करना होगा. सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क लगाने व हाथों की सफाई पर पूरा ध्यान देना होगा. जैसे-जैसे जांच की संख्या बढ़ेगी, संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जायेगी. ऐसे में हमें कोरोना की रफ्तार को कम करने के लिए खुद को अनुशासित करना होगा.
फिलहाल झारखंड में कोरोना की रफ्तार कम होती दिख रही है, लेकिन खतरा अभी बरकरार है. राज्य की कुल आबादी के मुकाबले जांच की संख्या अभी भी कम है. राज्य की कुल अबादी 3.17 करोड़ है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अब तक राज्य में कुल 23,74,843 लोगों की कोरोना की जांच हुई है. यानी राज्य में केवल 7.5 फीसदी लोगाें की ही कोरोना जांच हुई है.
अब तक हुई कुल जांच में 86,277 लोग संक्रमित पाये गये हैं, जबकि 22,88,566 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. यानी कुल आबादी के 0.27 फीसदी लोग पॉजिटिव मिले हैं. वैसे कुल जांच के मुकाबले कोरोना संक्रमितों की तादाद 3.6 फीसदी है. विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य की कुल आबादी और अब तक मिले संक्रमितों की संख्या देखें, तो आंकड़े यह बताते हैं कि राज्य में संक्रमण फैलने के हिसाब से स्थिति भयावह नहीं है.
राज्य मेंं अब तक 86,277 कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिसमें एक्टिव केस की संख्या 10, 919 है. यानी मौजूदा समय में मात्र 12.5 फीसदी ही कोरोना के एक्टिव केस राज्य में हैं. कोरोना संक्रमिताें की संख्या घटने व स्वस्थ होनेवालों की संख्या बढ़ने से एक्टिव केस की संख्या घट रही है. इसलिए राज्य में फिलहाल कोरोना का रिकवरी रेट बढ़कर 86.47 फीसदी पर पहुंच गया है. यह देश के रिकवरी रेट से 2.67 फीसदी ज्यादा है.
त्योहार के बाद कोरोना का पीक आ सकता है, क्योंकि लोग अगर लापरवाही बरतेंगे तो स्थिति बिगड़ेगी. कोरोना की कम होती संख्या पर नहीं जाना चाहिए. जांच की गति बढ़ेगी, तो पाॅजिटिव केस का आंकड़ा भी बढ़ेगा.
posted by : sameer oraon