कोरोना जांच लैब : प बंगाल में 41, बिहार में 14 कोरोना जांच सेंटर, राज्य में आठ लैब में हो रही है जांच
प्रवासी मजदूरों के आने से झारखंड में कोरोना जांच चुनौती बन गया है. कोरेंटिन सेंटर में जांच के लिए सैंपलिंग तो हो रही है, लेकिन समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही है
राजीव पांडेय, रांची : प्रवासी मजदूरों के आने से झारखंड में कोरोना जांच चुनौती बन गया है. कोरेंटिन सेंटर में जांच के लिए सैंपलिंग तो हो रही है, लेकिन समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही है. राज्य में धीरे-धीरे बैकलॉग की संख्या 12691 पहुंच गयी है. जानकारों की मानें, तो हर दिन जितनी सैंपलिंग हो रही है, उतनी जांच नहीं हो पा रही है. इसकी मूल वजह जांच सेंटर का कम होना है.
झारखंड में कोरोना जांच सेंटर सरकारी व निजी मिलाकर सिर्फ आठ है. इसमें चार सरकारी व चार निजी जांच लैब हैं. सरकारी लैब में भी बैकलॉग होने के कारण रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रहा है. निजी जांच लैब भी तीन से चार दिन में रिपोर्ट दे रहे हैं. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में भी 750 से 800 सैंपल की जांच होने से भी गति नहीं बढ़ पा रही है. यहां भी बैकलॉग बढ़ता जा रहा है. सूत्रों की मानें तो करीब 300 से 400 सैंपल का बैकलॉग है.
उधर, पड़ाेसी राज्य पश्चिम बंगाल में कोरोना की जांच के लिए 41 सेंटर बनाये गये है. जांच सेंटर ज्यादा होने से वहां प्रतिदिन नौ हजार से ज्यादा सैंपल की जांच हो रही है. बिहार में भी जांच की गति पहले से बढ़ी है. बिहार भी एक-दो दिन से झारखंड से ज्यादा सैंपल की जांच कर रहा है, क्योंकि यहां लैब की संख्या 14 है.
बिहार में दो जून को 3,323 लोगों के सैंपल की जांच की गयी. वहीं, बंगाल में 9,445 लोगों के कोरोना सैंपल की जांच दो जून को हुई है. इधर, झारखंड में दो जून को मात्र 2,198 लोगों के सैंपल की जांच की गयी. यदि जांच सेंटर बढ़ाये गये तो जांच में तेजी आयेगी और रिजल्ट जल्द मिलेगा
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प्रवासी मजदूरों के लौटने से झारखंड में कोरोना जांच बन गयी है चुनौती
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सैंपलिंग तो हो रही, लेकिन समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही
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सैंपलों के बैकलॉग की संख्या 13,264 पहुंची
सदर अस्पतालाें में ट्रूनेट से जांच कराने की हुई थी बात : झारखंड में जांच की संख्या बढ़ाने के लिए कई बार फैसला लिया गया, लेकिन अभी तक सदर अस्पतालाें में ट्रूनेट उपलब्ध नहीं कराया गया है. रांची सदर अस्पताल मेें ही ट्रूनेट से जांच की जा रही है.