झारखंड हाईकोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश, ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक को लीज या फिर किराये पर लें

खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 5000 लीटर क्षमता से अधिक के ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक को लीज या किराये पर लेने का प्रयास करें. इसके लिए राज्य सरकार टाटा स्टील, हिंडाल्को, एचइसी सहित अन्य स्टील कंपनियों से बात करे. ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की उपलब्धता के निर्णय से अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट को अवगत कराया जाये. खंडपीठ ने संवेदक कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन सब कॉन्ट्रैक्टर का बकाया है, उसका भुगतान 15 दिनों के अंदर कर दिया जाये.

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2021 8:22 AM

Coronavirus Latest News Ranchi रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रांची के सदर अस्पताल की पूर्ण क्षमता 500 बेड के संचालन को लेकर दायर अवमानना याचिका पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि कोर्ट की इच्छा है कि सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए 500 बेड का संचालन जल्द शुरू हो, ताकि लोगों का जीवन बचाया जा सके.

खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 5000 लीटर क्षमता से अधिक के ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक को लीज या किराये पर लेने का प्रयास करें. इसके लिए राज्य सरकार टाटा स्टील, हिंडाल्को, एचइसी सहित अन्य स्टील कंपनियों से बात करे. ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की उपलब्धता के निर्णय से अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट को अवगत कराया जाये. खंडपीठ ने संवेदक कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन सब कॉन्ट्रैक्टर का बकाया है, उसका भुगतान 15 दिनों के अंदर कर दिया जाये.

खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कोरोना काल में महाधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की.

खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के एमडी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि फिलहाल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक उनके पास नहीं है. वह उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं. ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाने में डेढ़ से दो माह का समय लगता है.

वहीं केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खंडपीठ को बताया कि केंद्र सरकार ने 1.25 लाख ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति के लिए आदेश जारी किया था. 30 अप्रैल से केंद्र सरकार को ऑक्सीजन सिलिंडर मिलना शुरू होना था, लेकिन यह नहीं हो सका. 15 मई के बाद केंद्र को ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हो पायेगा, इसके बाद पेशेंट लोड के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति की जायेगी.

झारखंड को 2200 ऑक्सीजन सिलिंडर मिलेगा. उन्होंने बताया कि जहां तक सदर अस्पताल के लिए ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक देने की बात है, तो झारखंड सरकार की ओर से अब तक केंद्र सरकार को स्टोरेज टैंक के लिए अनुरोध पत्र नहीं दिया गया है. क्रायोजेनिक ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाने में कम से कम डेढ़ से दो माह का समय लगता है.

झारखंड सरकार केंद्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजे. केंद्र सरकार से उनका प्रयास होगा कि झारखंड दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहा है और लोगों का जीवन बचा रहा है. ऐसे में उसे आपूर्ति में प्राथमिकता दी जाये. केंद्र सरकार भी झारखंड को प्राथमिकता सूची में रखते हुए ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक व ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध करायेगी.

बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सिस्टम तैयार

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि सदर अस्पताल में बेड तक निर्बाध रूप से ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सिस्टम तैयार कर लिया गया है. ऑक्सीजन सप्लाइ के लिए पाइपलाइन भी बिछा दी गयी है. स्टोरेज टैंक लगाया जाना है.

इसके लिए संवेदक कंपनी ने बताया है कि पुणे की एक कंपनी को स्टोरेज टैंक आपूर्ति का ऑर्डर दिया गया है. उसमें छह सप्ताह का समय लगेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ज्योति शर्मा ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने जनहित याचिका में पारित आदेश का अनुपालन कराते हुए सदर अस्पताल की पूर्ण क्षमता 500 बेड का संचालन शुरू कराने की मांग की है.

  • सदर अस्पताल में 500 बेड के संचालन मामले में सुनवाई

  • मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी

  • सदर अस्पताल में जल्द शुरू हो 500 बेड, ताकि लोगों का जीवन बचाया जा सके

  • बीएसएल के एमडी ने कहा : फिलहाल उसके पास नहीं है स्टोरेज टैंक

Posted By : Sameer Oraon

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