Oxygen In Jharkhand : मिशन ऑक्सीजन में जुटी झारखंड सरकार, खुद के साथ साथ पांच राज्यों के कोरोना संक्रमितों को दे रहा प्राण वायु

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की मांग बढ़ चली है, तो झारखंड खुद के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो रहा है. मात्र 12 दिनों में राज्य में दोगुना ऑक्सीजन उत्पादन किया जाने लगा है. यहां से एयरफोर्स के विमान और रेलवे रैक से रोज 50 से 60 टन अॉक्सीजन दूसरे राज्यों को भेजी जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2021 6:21 AM

Corona Update Jharkhand, Oxygen Supply In Jharkhand : पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर है. ऐसे में गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन प्राणवायु बनी हुई है. बढ़ रही मांग के कारण ऑक्सीजन की किल्लत पूरे देश में हो गयी है. ऐसे में झारखंड संकटमोचक बनकर सामने आया है. खुद के साथ पांच राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर लोगों की सांस बचाने में जुटा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के पांच ऑक्सीजन प्लांटों की देख-रेख के लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया है.रविवार को उन्होंने खुद रांची स्थित ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया.

रांची : देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की मांग बढ़ चली है, तो झारखंड खुद के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो रहा है. मात्र 12 दिनों में राज्य में दोगुना ऑक्सीजन उत्पादन किया जाने लगा है. यहां से एयरफोर्स के विमान और रेलवे रैक से रोज 50 से 60 टन अॉक्सीजन दूसरे राज्यों को भेजी जा रही है.

राज्य की भी जरूरत पूरी की जा रही है. झारखंड में अॉक्सीजन की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने टास्क फोर्स का गठन किया है, जो नियमित रूप से अॉक्सीजन उत्पादन पर नजर रख रहे हैं. रिफिलिंग प्लांट पर भी नजर रखी जा रही है. झारखंड में निरंतर अॉक्सीजन का उत्पादन व रिफलिंग हो रही है.

झारखंड में हर दिन 80 से 100 टन ऑक्सीजन की खपत हो रही है, वहीं 50 से 60 टन ऑक्सीजन यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, प बंगाल व दिल्ली भी भेजी जा रही है. झारखंड में ऑक्सीजन की कमी नहीं है. कमी है तो सिलिंडर की. झारखंड सरकार दो हजार अतिरिक्त सिलिंडर दिल्ली से खरीद रही है.

राज्य में हैं 12 हजार सिलिंडर

राज्य में इस समय अॉक्सीजन के 12 हजार सिलिंडर हैं. हालांकि इसके मुकाबले मरीजों की संख्या अधिक है. इस समय राज्यभर में 45592 कोरोना के एक्टिव केस हैं, जिस कारण अक्सर अॉक्सीजन की कमी की बात होती है. सरकार सिलिंडर बढ़ाने के लिए दो हजार अतिरिक्त सिलिंडर दिल्ली से खरीद रही है. वहीं राज्य में 17 हजार इंडस्ट्रियल सिलिंडर भी हैं. सरकार इनके इस्तेमाल को लेकर भी पर विचार कर रही है, ताकि अॉक्सीजन की कमी राज्य में नहीं हो सके.

19 रिफिलिंग प्लांट हैं, 6250 सिलिंडर रोज भरे जा रहे

राज्य में ऑक्सीजन को सिलिंडर में भरने के लिए 19 रिफिलिंग प्लांट हैं. इनमें पांच रांची में हैं. इसके अलावा बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर, सरायकेला, रामगढ़, हजारीबाग और देवघर में रिफिलिंग प्लांट हैं. ये मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से लिक्विड गैस लेते हैं. फिर उसका गैस बनाकर एयर टैंकर या सिलिंडर में रिफिल करते हैं. झारखंड के इन प्लांट के पास प्रतिदिन 11240 सिलिंडर भरने की क्षमता है. अभी 6250 सिलिंडर रोज भरे जा रहे हैं.

ये बनाते हैं ऑक्सीजन का लिक्विड
नाम क्षमता (टन/दिन)

1.एयर वाटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमशेदपुर 133

2.लिंडे इंडिया लिमिटेड, जमशेदपुर 118

3. एयर सेपरेशन यूनिट, टाटा स्टील जमशेदपुर 228

4.आइनोक्स एयर प्रोडक्ट्स बोकारो 141

5.अॉक्सीजन प्लांट गैस, बोकारो स्टील 8

ये हैं रिफिलिंग प्लांट

बोकारो : बोकारो गैस कॉरपोरेशन, ईस्टर अॉक्सीजन एंड एसीटिलिन प्राइवेट लिमिटेड, झारखंड स्टील इंडस्ट्रीज

रांची : छोटानागपुर इंडस्ट्रियल गैस प्राइवेट लिमिटेड, माहेश्वरी मेडिकल अॉक्सीजन, एसके इंडस्ट्रियल गैसेस,अॉक्सी गैसेस, एचइसी

सरायकेला : माहेश्वरी उद्योग,बिहार एयर प्रोडक्ट

रामगढ़ : मोना गैसेस प्राइवेट लिमेटेड, एसएम प्रोसेस

पूर्वी सिंहभूम : सचदेव इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड,जमशेदपुर गैसेस, स्पोक्सी गैस प्रोडक्ट,

हजारीबाग : महर्षि एयर सोल्यूशन

धनबाद : एसियाटिक गैसेस

देवघर : बिहार गैसेस लिमिटेड

  • 80 से 100 टन ऑक्सीजन हर दिन झारखंड में हो रही है खपत

  • पहले राज्य के पांच प्लांटों से केवल 325 टन ऑक्सीजन का उत्पादन हर दिन हो रहा था

  • झारखंड में हैं 12 हजार सिलिंडर, दो हजार अतिरिक्त सिलिंडर मंगाये जा रहे हैं

  • 17 हजार औद्योगिक सिलिंडर के उपयोग पर भी हो रहा है विचार

राज्य में हैं पांच प्लांट

टास्क फोर्स समिति के सचिव व उद्योग निदेशक जीतेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय राज्य में पांच अॉक्सीजन उत्पादन प्लांट हैं. इनमें जमशेदपुर में एक बड़ा प्लांट लिंडे इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड है. इसके अलावा बोकारो में दो प्लांट हैं. इन पांचों प्लांट से 12 दिन पहले जब टास्क फोर्स बना, तब केवल 325 टन अॉक्सीजन का उत्पादन रोज हो रहा था. लेकिन अब वर्तमान में इनकी क्षमता दोगुनी हो गयी है. अभी 628 टन प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. सरकार इन्हें हर प्रकार की मदद देने के लिए तैयार है.

सीएम हेमंत बोले : प्लांट संचालक 24 घंटे तैयार रहें, ताकि किसी को ऑक्सीजन की किल्लत न हो

ऑक्सीजन गैस रिफिलिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार कंपनियों को करेगी सहयोग

रांची. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी. गैस की कमी नहीं होने दी जायेगी. सीएम ने रविवार को विकास एवं ओरमांझी स्थित ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट छोटानागपुर इंडस्ट्रियल गैस एवं एसके इंडस्ट्रियल गैसेस का औचक निरीक्षण किया.

मुख्यमंत्री के समक्ष प्लांट के संचालक तथा कर्मचारियों ने ऑक्सीजन की उपलब्धता व रोजाना सिलिंडरों में रिफिलिंग के संबंध में जानकारी दी. संस्थान के संचालक ने सीएम को अवगत कराया कि छोटानागपुर इंडस्ट्रियल गैस प्लांट में प्रति घंटे 36 जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर रिफिल करने की क्षमता है. संस्थान इस ऑक्सीजन रिफलिंग की क्षमता को एक माह में दोगुना करने की योजना बना रहा है.

मुख्यमंत्री ने प्रबंधन को विश्वास दिलाया कि इस इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों को सरकार की तरफ से भी सहयोग किया जायेगा, ताकि संस्थान अधिक से अधिक क्षमता के साथ ऑक्सीजन रिफिलिंग का कार्य सुनिश्चित कर सके. मुख्यमंत्री ने प्लांट संचालक को 24 घंटे तैयार रहने का निर्देश दिया, ताकि कहीं भी ऑक्सीजन की किल्लत न हो. मुख्यमंत्री ने संचालक से कहा कि व्यक्तिगत रूप से भी कोई व्यक्ति अगर आपके यहां ऑक्सीजन रिफिलिंग के लिए आता है, तो उन्हें हर हाल में ऑक्सीजन उपलब्ध करायें.

ओरमांझी स्थित एसके इंडस्ट्रियल गैसेस के संचालक ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनके संस्थान में प्रतिदिन 900 से 1000 जंबो सिलिंडर में ऑक्सीजन रिफिलिंग की क्षमता है. संस्थान इस क्षमता को और विकसित करने के लिए प्रयासरत है. मुख्यमंत्री ने संस्थान के संचालक को भरोसा दिलाया कि संस्थान की क्षमता को बढ़ाने में राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version