ऐसे में तो लग जायेंगे तीन साल, वैक्सीनेशन की कम आपूर्ति से झारखंड में टीकाकरण की गति धीमी
विशेषज्ञ बताते हैं कि टीके की कमी के कारण ऐसा हो रहा है. मांग के अनुरूप केंद्र टीके की कम आपूर्ति कर रही है. विशेषज्ञों का आकलन है कि झारखंड के पास उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए यदि क्षमता के अनुरूप रोज 2.46 लाख लोगों को टीका लगे, तो मात्र 156 दिन यानी पांच माह में राज्य की पूरी आबादी का टीकाकरण हो जायेगा. अभी जो टीकाकरण (35 हजार प्रतिदिन) की रफ्तार है, उस हिसाब से 1102 दिन अर्थात तीन साल लग जायेंगे.
Vaccination Update In Jharkhand Today रांची : झारखंड में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है. इस कारण एक बड़ी आबादी आज भी इससे दूर है. झारखंड सरकार के पास उपलब्ध मानव संसाधन, उपकरण और टीकाकरण केंद्र को देखते हुए एक दिन में 2.46 लाख लोगों को टीका दिया जा सकता है. इसकी तुलना में प्रतिदिन औसतन 35 से 38 हजार लोगों को ही टीका दिया जा रहा है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि टीके की कमी के कारण ऐसा हो रहा है. मांग के अनुरूप केंद्र टीके की कम आपूर्ति कर रही है. विशेषज्ञों का आकलन है कि झारखंड के पास उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए यदि क्षमता के अनुरूप रोज 2.46 लाख लोगों को टीका लगे, तो मात्र 156 दिन यानी पांच माह में राज्य की पूरी आबादी का टीकाकरण हो जायेगा. अभी जो टीकाकरण (35 हजार प्रतिदिन) की रफ्तार है, उस हिसाब से 1102 दिन अर्थात तीन साल लग जायेंगे.
1461 सेंटर में दिया जा रहा टीका
राज्य के 221 स्थानों के 1461 सेंटर में अभी टीका दिया जा रहा है. इनमें 18 प्लस के लिए 397 केंद्र हैं. इसकी क्षमता 55780 लोग प्रतिदिन है. जबकि 45 प्लस के लिए 1064 केंद्र है, जिसकी क्षमता 190750 है. यानी पूरी क्षमता से सभी केंद्रों में टीकाकरण हो तो प्रतिदिन 2.46 लाख को टीका दिया जा सकता है.
क्या है टीकाकरण की स्थिति :
राज्य में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण आरंभ हुआ है. पहले स्वास्थ्य कर्मी, फिर फ्रंटलाइन वर्कर और अप्रैल से 45 प्लस का टीकाकरण आरंभ हुआ. इनका टीका केंद्र सरकार देती है. एक मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए भी टीकाकरण आरंभ हुआ. इनका टीका राज्य सरकार अपने पैसे से खरीदती है. हालांकि पैसा देने के बावजूद मांग की तुलना में टीका की आपूर्ति में काफी अंतर है.
इस कारण इस आयु वर्ग का टीकाकरण धीमी गति से हो रहा है. राज्य में एक जून तक सभी वर्गों को कुल 35 लाख 19 हजार 747 को टीका लग चुका है. राज्य की वर्ष 2021 में अनुमानित आबादी 3.86 करोड़ है. इनमें 45 प्लस की आबादी 83 लाख 86 हजार 677 है. वहीं 18 प्लस की आबादी एक करोड़ 57 लाख 34 हजार 635 है, जबकि 18 वर्ष से कम आयु के 1.45 करोड़ बच्चे हैं.
18 प्लस की बड़ी आबादी का धीमी गति से हो रहा टीकाकरण : राज्य में 18 प्लस की संख्या ज्यादा है, लेकिन इस आयु वर्ग के टीकाकरण की गति बहुत धीमी है. 14 मई से आरंभ हुए 18 प्लस के टीकाकरण के तहत अबतक 5.52 लाख का ही टीकाकरण हो सका है. अभी भी यानी एक जून तक इस आयु वर्ग के लिए मात्र 79800 डोज बचा हुआ है. कम डोज होने के कारण कई जिलों में कई सेंटर बंद कर दिये गये हैं.
अभी भी ग्रामीण इलाकों में है भ्रांति :
राज्य के ग्रामीण इलाकों में अभी टीका को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां है. इस कारण लोग टीकाकरण कराने नहीं आते हैं. हालांकि सरकार द्वारा लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी लोगों से लगातार टीका लेने की अपील कर रहे हैं.
झारखंड : टीकाकरण फैक्टशीट
कुल आबादी 2021 में (अनुमानित) 3.86 करोड़
पहली डोज का टीका लगा 3519747
दूसरी डोज का टीका लगा 719112
45 प्लस की आबादी 8386677
टीका लगा (एक जून तक) 2420283
18 प्लस की कुल आबादी 15734635
टीका लगा 5524577
18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या 1.45 करोड़
टीका की क्षमता
आयु वर्ग केंद्र क्षमता/दिन
45+ हेल्थ व फ्रंटलाइन वर्कर 1064 190750
18 प्लस के लिए 397 55780
एक दिन में कुल क्षमता 2,46530
यह सही है कि झारखंड में प्रतिदिन दो से ढाई लाख लोगों के टीकाकरण कराने की क्षमता है, पर समस्या यह है कि मांग की तुलना में टीका कम मिल रहा है. इस कारण टीकाकरण धीमी गति से हो रहा है. जैसे-जैसे डोज की संख्या बढ़ती जायेगी, टीकाकरण की गति भी तेज होगी. 45 प्लस के लिए पर्याप्त टीका है. उनके लिए जल्द ही वृहत स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू किया जायेगा.
ए. डोडे, राज्य नोडल पदाधिकारी, स्टेट वैक्सीनेशन
Posted By : Sameer Oraon