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एक साल पहले आज ही मिला था झारखंड का पहला मामला
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मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा : अगर यही रही रफ्तार, तो कम पड़ जायेंगे बेड
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रिम्स में गंभीर संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बेड बढ़ाने पर हो रहा विचार, आइसीयू में 14 भर्ती
सुनील चौधरी/ राजीव पांडेय, रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले में रांची सबसे ज्यादा प्रभावित रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखें, तो यह दोबारा मुख्य केंद्र बन चुका है. 28 व 29 मार्च को रांची जिले में कुल 1781 सैंपल की जांच हुई है और 244 संक्रमित मिले हैं, जो कुल जांच का 13.70 प्रतिशत है. रांची में छह दिन (25 से 30 मार्च ) में कुल 1042 नये संक्रमित मिले हैं. 30 मार्च तक राज्य में एक्टिव केस की संख्या 2254 हो चुकी है, इनमें से 1260 एक्टिव केस रांची में ही हैं.
इसके साथ ही झारखंड में कोरोना संक्रमण का एक वर्ष पूरा हो गया है. 31 मार्च को ही झारखंड में पहला केस रांची के हिंदपीढ़ी इलाके से मिला था. एक मलेशियाई युवती कोरोना संक्रमित मिली थी, जो तबलिगी जमात से जुड़ी हुई थी. इसके बाद तो लगातार केस की संख्या बढ़ती चली गयी. साल भर में सबसे अधिक संक्रमण का महीना जुलाई, अगस्त और सितंबर 2020 था. सितंबर माह में सर्वाधिक 41892 संक्रमित मिले थे. यह महीना सबसे पीक का महीना माना गया था. इसके बाद कोरोना की रफ्तार थोड़ी धीमी होती गयी. अक्तूबर में 18110 और नवंबर में 7390 मिले थे. फिर दिसंबर में 5962,जनवरी 21 में 3621 और फरवरी 21 में कुल 1215 संक्रमित मिले थे.
ऐसी रही रफ्तार, तो कम पड़ जायेंगे बेड: विशेषज्ञों का मानना है कि रांची जिले में कोरोना की बढ़ती संख्या चिंताजनक है. अगर संक्रमितों के बढ़ने की रफ्तार यही रही, तो अस्पतालों में बेड कम पड़ जायेंगे. सरकारी और निजी अस्पतालोंं में बेड की संख्या बढ़ानी होगी. हालांकि रांची में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा बेड बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में गंभीर संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बेड़ बढ़ाने को लेकर विचार किया जा रहा है. रिम्स के आइसीयू में 14 संक्रमितों को भर्ती किया गया है.
राज्य भर में अब तक 58 लाख 67 हजार 300 सैंपल की जांच हो चुकी है. कुल एक लाख 23 हजार 508 संक्रमित मिल चुके हैं. इनमें एक लाख 20 हजार 141 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है. वहीं कुल 1113 की की मौत हो चुकी है. होली के दो दिनों में राज्यभर में 2.66 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मिले हैं. इन दो दिनों में औसतन जांच भी कम हुए हैं. इसके बाद भी संक्रमण का प्रतिशत दो से तीन के बीच रहा है.
28 व 29 मार्च को कुल 17566 सैंपल की जांच हुई है और 469 संक्रमित मिले हैं, जो कुल जांच का 2.66 प्रतिशत है. इसके पूर्व प्रतिदिन जांच 12 से 13 हजार के बीच होती रही है, लेकिन दो दिनों में औसतन जांच कम हुई है. 28 मार्च को 11584 सैंपल की जांच हुई है और 2.71 प्रतिशत यानी 314 संक्रमित मिले हैं, जबकि 29 मार्च को 5982 सैंपल की जांच हुई है और 155 मिले संक्रमित मिले, जो कुल जांच का 2.59 प्रतिशत है.
जांच कम होने पर भी नये संक्रमित पहले से ज्यादा मिल रहे है. कोरोना से बचाव का यही सही वक्त है. अगर आप पूरी तरह सचेत नहीं रहेंगे तो स्थिति बिगड़ जायेगी.
डॉ प्रदीप भट्टाचार्या, क्रिटिकल केयर रिम्स
सितंबर था पीक का महीना, उसके बाद धीमी पड़ी थी रफ्तार
वर्ष 2020 (पहली लहर)
माह कुल केस एक्टिव केस
31 मार्च 01 01
30 अप्रैल 111 88
31 मई 635 374
30 जून 2490 591
31 जुलाई 11366 6913
31 अगस्त 41759 14166
30 सितंबर 83651 11597
31 अक्तूबर 101761 5302
30 नवंबर 109151 2016
31 दिसंबर 115113 1659
वर्ष 2021 (दूसरी लहर)
31 जनवरी 118734 513
28 फरवरी 119949 494
30 मार्च 123508 2254
छह दिन में ऐसे बिगड़ी रांची की स्थिति
नया केस स्वस्थ जांच
25 मार्च
170 47 1704
26 मार्च
179 47 1948
27 मार्च
187 39 1582
28 मार्च
182 31 1486
29 मार्च
62 19 295
30 मार्च
262 44 1530
कोरोना से घटा राज्य का राजस्व, विकास मद की राशि में 4906 करोड़ की कटौती: राज्य की अर्थव्यवस्था पर कोविड के कुप्रभाव के कारण सरकार ने विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि में 4906.35 करोड़ रुपये की कटौती कर दी है. कोविड में बंदी सहित अन्य कारणों से सरकार की आमदनी लक्ष्य के मुकाबले कम होने के कारण सरकार ने यह फैसला लिया है. सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) के दौरान सभी स्रोतों से कुल 86370.00 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान किया था.
पर नये आकलन के अनुसार इसमें 6362.95 करोड़ रुपये की कमी होगी. स्थिति को देखते हुए सरकार ने गैर योजना खर्च में 1456.60 करोड़ रुपये की कटौती का फैसला किया है. इसी तरह योजना मद यानी विकास योजनाओं के लिए पूर्व निर्धारित 48924.94 करोड़ के बदले 44018.59 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. इसमें 4906.35 करोड़ की कटौती की गयी है. ब्योरा देखें पेज 12 पर
राजधानी में 30 अप्रैल तक निषेधाज्ञा रामनवमी व सरहुल जुलूस पर रोक: जिले में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखकर 30 अप्रैल तक राजधानी में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लगा दी गयी है. सरहुल और रामनवमी पर रैली, जुलूस और शोभायात्रा पर प्रतिबंध रहेगा. सदर एसडीओ समीरा एस ने कहा कि कोरोना के प्रकोप को देखते हुए कई एहतियात बरते जा रहे हैं.
निषेधाज्ञा का उल्लंघन करनेवालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. समारोह, सभा और सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम करने के संबंध में कार्यालय द्वारा पूर्व में निर्गत सभी अनुमति पत्र को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है. राज्य में सरहुल, नवरात्रि, रामनवमी और ईस्टर आदि त्योहारों में सार्वजनिक स्थलों पर समारोह और सभा के आयोजन की अनुमति नहीं होगी.
कोरोना से जंगः भक्तों ने श्रद्धावश भगवान को भी रखा सोशल डिस्टैंसिंग में. पर्दे के पीछे से खाटू श्याम ने खेली होली. भगवान के आगे जालीदार पर्दा लगा हुआ था और भक्त दो गज की दूरी से उन्हें गुलाल अर्पित कर रहे थे.
Posted by: Pritish Sahay