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Corona Death: जेएमएम ने किया केन्द्र सरकार पर पलटवार, कहा- मौतों का आंकड़ा छिपा रहा है केन्द्र, पूछा ये सवाल

Corona Death: जेएमएम ने कोरोना संक्रमण में हुई मौत के आंकड़े राज्य सरकारों के छिपाये जाने के आरोप पर पलटवार किया है. झामुमो ने कहा है कि मौत के आंकड़े केंद्र जारी करती है. राज्यों को मौत के आंकड़े जारी करने का कोई प्रोटोकॉल नहीं है. केंद्र सरकार कोरोना महामारी के दौरान हुई मौतों का ऑडिट करा ले.

By Prabhat Khabar News Desk | July 24, 2021 10:03 AM

Corona Death: झामुमो ने कोरोना संक्रमण में हुई मौत के आंकड़े राज्य सरकारों द्वारा छिपाये जाने के आरोप पर पलटवार किया है. झामुमो ने कहा है कि मौत के आंकड़े केंद्र सरकार जारी करती है. राज्यों को मौत के आंकड़े जारी करने का कोई प्रोटोकॉल नहीं है. केंद्र सरकार कोरोना महामारी के दौरान हुई मौतों का ऑडिट करा ले. झामुमो प्रवक्ता व महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भाजपा बेतुका सवाल कर रही है कि राज्य सरकार बताये कि ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुई हैं.

आइसीएमआर ने कोरोना के इलाज से लेकर मौत के बाद अंतिम संस्कार तक का प्रोटोकॉल जारी किया. लेकिन मौत के कारण को लेकर कोई प्रोटोकॉल नहीं था. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार आइसीएमआर को निर्देश दे कि मौत के कारणों का भी प्रोटोकॉल जारी होरे. इसके बाद साफ हो जायेगा कि ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की मौत हुई है. झामुमो नेता ने कहा कि संख्या भारत सरकार छुपा रही है. संसद में सरकार झूठ बोल रही है. राज्य से भाजपा के 16 सांसद दांत चिंघाड़ कर ताली बजा रहे हैं.

खास बातें:-

  • आइसीएमआर मृत्यु का प्रोटोकॉल भी जारी करे, 2020 से 2021 तक हुई मौत ऑडिट कराये

  • भाजपा के 16 सांसद दांत िदखा कर ताली बजाते हैं, लेकिन केंद्र से सवाल क्यों नहीं पूछ रहे

  • किसानों को मवाली कहने वाले बौखला गये हैं, अघोषित आपातकाल चल रहा है

केंद्र सरकार से सवाल क्यों नहीं कर रहे हैं. इनको शर्म आनी चाहिए. भारत सरकार से क्यों नहीं पूछते हैं कि ऑक्सीजन की कमी, कुप्रबंधन के कारण मौत हुई है. प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान कई तरह की घटनाएं हुईं. अब भाजपा के लोग नाटक कर रहे हैं. इनका चरित्र-चेहरा बेनकाब हो गया. देश से माफी मांगनी चाहिए. भाजपा हताश है. अन्नदाता किसान आंदोलन कर रहे हैं. इनके मंत्री सम्मानित अन्नदाता को मवाली कहते हैं.

किसान को मवाली, गरीब आदमी को गाली देने का कौन सा लाइसेंस इनको मिल गया. बौखलायी सरकार केंद्र की सरकार ने आपातकाल का हालात बना दिया है. अब इनको आपातकाल की औपचारिक घोषणा कर देनी चाहिए. जनता के साथ सीधा संघर्ष में आ जाना चाहिए. 70 के दशक में भी ऐसी बर्बरता हुई थी. प्रेस बिल आया था, उसका खात्मा हुआ था. अभी जो काला अध्याय शुरू हो रहा है, उसका भी नया सवेरा आने वाला है.

Posted by: Pritish Sahay

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