झारखंड विधानसभा में भी दिखा कोरोना इफैक्ट, बदला पत्रकारों का रास्ता
झारखंड विधानसभा में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है. विधानसभा में कवरेज के लिए पत्रकारों को रास्ता आम रास्ते से अब बदल कर अलग कर दिया गया
रांची : झारखंड विधानसभा में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है. विधानसभा में कवरेज के लिए पत्रकारों को रास्ता आम रास्ते से अब बदल कर अलग कर दिया गया है. विधानसभा के अंदर किसी रिपोर्टर या कैमरामैन के सीधे प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है.
रिपोर्टर्स को प्रेस दीर्घा तक जाने की इजाजत है लेकिन उनका रास्ता अलग कर दिया गया है. पहले विधायक और पत्रकारों के प्रवेश का रास्ता एक ही था. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए विधानसभा में आम दर्शकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गयी है.
मैंने कल भी मुख्यमंत्री से बात की उन्हें कहा था कि यहां सेनिटाइजर की व्यस्था करें. इस मामले को गंभीरता से लें. सीएम कल ऐसे ही अनौपचारिक बातचीत के लिए विपक्ष के पास आये थे मैंने लॉबी में उनके साथ चलते हुए कहा था कि विधानसभा में भी सेनिटाइजर की व्यस्था होना चाहिए. मैंने अबतक तो नहीं देखा है कि ऐसी कोई व्यस्था है या नहीं लेकिन उम्मीद है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी
राज्य में कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए शिक्षण संस्थान, जिम , पार्क को पहले ही बंद कर दिया गया है. 14 अप्रैल के बाद राज्य सरकार मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगी जिसके बाद आगे फैसला लिया जायेगा. विधानसभा में भी कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है.
भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मांग की है कि विधानसभा परिसर को भी सेनेटाइ किया जाना चाहिए. देशभर में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार से मांग की है कि वह इस धरना प्रदर्शन को बंद कराये.
धरना में जो भी नेता भाषण दे रहे है उससे राज्य में भय का माहौल बन रहा है. इस धरना से सभी का नुकसान हो रहा है ऐसे में सरकार को समय रहते कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं. धरना में कोरोना के फैलने का भी खतरा बना रहेगा.