राजीव पांडेय, रांची : कोरोना की जांच अब आसान हो गयी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने 14 जून को रैपिड एंटीजन किट के जरिये जांच की अनुमति दे दी है. फिलहाल किट बनाने वाली कंपनी एसजी बॉयो सेंटर को जांच की अनुमति दी गयी है. दिल्ली में एंटीजन किट से जांच शुरू हो चुकी है. उम्मीद है कि झारखंड में भी जल्द ही इस किट से जांच शुरू हो जायेगी.
एंटीजन किट की खास बात यह है कि इसके जरिये की गयी जांच की रिपोर्ट ढाई से तीन घंटे के भीतर ही आ जाती है. साथ ही खर्च भी कम आता है. इस विधि में जांच के लिए वीटीएम की जरूरत नहीं पड़ती है. क्योंकि एंटीजन किट में अलग बफर की सुविधा है. संदिग्ध व्यक्ति का केवल स्वाब सैंपल लेकर आसानी से जांच की जा सकती है. एंटीजन किट से जांच का खर्च मात्र 500 रुपये आता है.
विशेषज्ञों की मानें, तो स्क्रीनिंग के लिए यह किट काफी कारगर है. माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी एंटीजन किट की रिपोर्ट को बेहतर मान रहे हैं. उनका कहना है कि आइसीएमआर ने स्पष्ट किया है कि अगर किट से रिपोर्ट निगेटिव आती है और डॉक्टर को संदिग्ध व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तो वह आरटीपीसीआर से जांच कराकर संतुष्ट हो सकते हैं. वहीं रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो संक्रमित मानकर व्यक्ति का इलाज शुरू कर देना है.
एंटीजन किट कोराना जांच के लिए बेहतर किट है. इससे स्क्रीनिंग की जा सकती है. अाइसीएमआर ने कहा है कि निगेटिव आने पर ही आरटीपीसीआर या ट्रूनेट से जांच करायी जाये. अगर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसको सत्य माना जाये.
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया, झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने बताया कि निजी अस्पतालों में इस जांच की अनुमति के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया जायेगा. एंटीजन किट कोरोना की जांच में कारगर साबित होगा. राज्य में इस जांच को शुरू करने की जरूरत है. यह किट सस्ता भी है.
Posted by : Pritish Sahay