रांची : वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus) से जिंदगी की जंग जीतने के लिए झारखंड (Jharkhand) के कोरोना वॉरियर्स (डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, सफाईकर्मी एवं अन्य) ने अपनी जान दांव पर लगी दी है. ऐसे में सखी मंडल (Sakhi Mandal) की दीदियां भी कोरोना योद्धा (Corona Warriors ) की तरह मैदान में डटी हुई हैं. अपने हुनर से वे इन देवदूतों के लिए सुरक्षा कवच (safety shields) तैयार कर रही हैं. पूरे राज्य में दीदियां मास्क (Masks) , सेनेटाइजर(Sanitizer) , पीपीसी और फेसवाइजर बना रही हैं, ताकि कोरोना योद्धा खुद को सुरक्षित रखकर जंग जीत सकें. पढ़िए गुरुस्वरूप मिश्रा की रिपोर्ट.
सुरसा की तरह अपना मुंह फैलाए जा रही कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए देशभर में जिंदगी लॉकडाउन है. धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर कोरोना संक्रमितों का जीवन बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. पुलिसकर्मी व सफाईकर्मी भी अपनी ड्यूटी में लगे हैं, ताकि आप अपने घरों में सुरक्षित रह सकें. इस बीच झारखंड की सखी मंडल की दीदियां कोरोना वॉरियर्स की तरह इन देवदूतों की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा कवच तैयार करने में जुटी हैं. वे अपने हुनर से फेसवाइजर, पीपीसी (पर्सनल प्रोटेक्शन कवर), सेनेटाइजर व मास्क बना रही हैं.
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत गठित सखी मंडल की दीदियां झारखंड में कोरोना के खिलाफ जंग में हर मोर्चे पर तैनात हैं. भूखे व असहाय को भोजन कराने से लेकर उसे साफ-सफाई की सीख देने, सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाने, प्रवासियों की निगरानी करने और उनका डाटा तैयार करने से लेकर कोरोना योद्धाओं के लिए सुरक्षा कवच बना रही हैं. राजधानी रांची के गांव-गिरांव की साधारण महिलाएं फेसवाइजर के साथ-साथ पीपीसी व मास्क बना रही हैं, ताकि कोरोना वॉरियर्स सुरक्षित रह सकें. इसके लिए इन्हें प्रशिक्षित किया गया है.
राजधानी रांची के हेहल स्थित ट्रेनिंग कम प्रोडक्शन सेंटर (टीपीसी) में प्रोड्यूसर्स ग्रुप की छह दीदियां (रेणु देवी, बैजयंती देवी, आरती देवी, कंचन देवी, बबीता देवी एवं सरिता देवी) पिछले 5 अप्रैल से फेसवाइजर, पीपीसी व मास्क के निर्माण में लगी हैं. ये विभिन्न महिला समूहों की दीदियां हैं. लॉकडाउन से पहले ये सरकारी स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनाया करती थीं. कोरोना संकट में ये कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रही हैं.
टीपीसी इंचार्ज अमृतांश चौबे कहते हैं कि 3200 फेसवाइजर, 70 पीपीसी और 30 हजार मास्क तैयार किये जा चुके हैं. निर्माण कार्य जारी है. इसे जिला प्रशासन को सौंप दिया जा रहा है, ताकि देवदूत सुरक्षित रह सकें.
प्रेरणा महिला समूह, चटकपुर की सदस्य रेणु देवी कहती हैं कि बतौर प्रोड्यूसर्स ग्रुप की सदस्य वह 1500 फेसवाइजर, 3 हजार मास्क व 10 पीस पीपीसी बना चुकी हैं. लगातार काम कर ही रही हैं. देवदूतों के लिए रक्षा कवच बनाकर काफी खुशी हो रही है.
Posted By : Guru Swarup Mishra