कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए सीएम हेमंत ने की विशेषज्ञ डॉक्टरों से बातचीत, ऐसे रखें अपने बच्चों का ख्याल

इसके बाद राज्य सरकार ने सतर्कता के साथ जागरूकता फैलाने व चिकित्सा संबंधी अन्य तैयारियों की विस्तृत योजना पर काम शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रकाशित प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड-19, थर्ड वेव इन झारखंड नाम की पुस्तक बताती है कि संभव है कि कोविड-19 संक्रमित अधिकांश बच्चों में कोई लक्षण नजर नहीं आये या फिर उनमें हल्के लक्षण ही दिखें.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2021 12:03 PM

Corona Third Wave News Jharkhand रांची : राज्य में कोरोना की तीसरी लहर से निबटने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संभावित तीसरी लहर के स्वरूप और बचाव पर देश भर के विशेषज्ञ चिकित्सकों से बात की है. विशेषज्ञों ने लगातार रूप बदलते कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका जतायी है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि तीसरी लहर से वयस्क प्रभावित नहीं होंगे.

इसके बाद राज्य सरकार ने सतर्कता के साथ जागरूकता फैलाने व चिकित्सा संबंधी अन्य तैयारियों की विस्तृत योजना पर काम शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रकाशित प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड-19, थर्ड वेव इन झारखंड नाम की पुस्तक बताती है कि संभव है कि कोविड-19 संक्रमित अधिकांश बच्चों में कोई लक्षण नजर नहीं आये या फिर उनमें हल्के लक्षण ही दिखें.

सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ, थकान, बदन दर्द, नाक बहना, गले में खराश, दस्त, स्वाद या महक गायब होना आदि शामिल है. उम्र कम होने की वजह से बच्चे अपने कई लक्षणों को बताने में भी असमर्थ होते हैं. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है.

आयुष-64 दवा का सभी जिलों में होगा वितरण

कोरोना के इलाज व बचाव के लिए आयुष-64 दवा का वितरण किया जायेगा. इसके लिए सभी जिला आयुष पदाधिकारियों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दिये गये हैं. केंद्र सरकार ने इसके लिए झारखंड आयुष निदेशालय को कुल 36 लाख रुपये दिये हैं.

यह राशि 24 जिलों के जिला आयुष पदाधिकारी को दी गयी है. केंद्र की गाइडलाइन के अनुरूप, इस राशि से आयुष-64 दवा की खरीदारी करनी है. कोरोना मरीजों के इलाज व इम्यून सिस्टम मजबूत करने में इसका इस्तेमाल करना है. साथ ही आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक एवं यूनानी औषधियों का क्रय भी किया जायेगा.

बच्चों को बचाने के लिए करें ये उपाय

बच्चों की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखें

पानी में नीम के पत्ते को उबाल कर बच्चे को नहलायें

पेट ठंडा रखने के लिए बच्चे को सौंफ का पानी पिलायें

घर पर किसी के बीमार पड़ने पर उनको अलग रखें

बच्चों को गोद में लेने से पहले हाथों को अच्छे से साफ करें

किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से मिलें

ऐसा हो बच्चों का खान-पान

थोड़े-थोड़े समय पर कुछ न कुछ खाने को दें

आलू उबाल कर खिलायें, फल का जूस दें

फल, सब्जी, अंडा, दाल, चिकन और साबूत अनाज खिलायें

अधिक से अधिक पानी व नारियल पानी पिलायें

सुबह के नाश्ते में प्रोटीन और फाइबर जरूर दें

शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा रखने के लिए आंवला, नींबू, संतरा, टमाटर, अमरूद, ब्रोकली खिलायें

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व जिंक की कमी पूरा करने के लिए चना, मसूर खिलायें

सुबह-शाम दूध में हल्दी मिला कर दें

Posted By : Sameer Oraon

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