झारखंड के लिए राहत की खबर, तीसरी लहर में राज्य के बच्चों के प्रभावित होने की संभावना कम, डॉक्टर बोले- सर्वे जो भी हो, हम तैयार हैं
नोडल पदाधिकारी ने बताया कि बच्चों पर कोरोना की संभावित तीसरी के प्रभाव को लेकर पर डब्लूएचओ और एम्स नयी दिल्ली ने मिलकर सीरो सर्वे कराया है. मेडिकल कॉलेजों की टीम और कम्युनिटी मेडिसिन के एक्सपर्ट ने मिल कर इस सर्वे का अध्ययन किया है. इसमें दो से 18 साल के नीचे व उससे अधिक उम्र वाले लोगों के सैंपलों की जांच की गयी.
Coronavirus 3rd wave jharkhand survey report रांची : कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राहत भरी खबरें आ रही हैं. डब्लूएचओ और एम्स नयी दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से कराये गये सर्वे के अध्ययन के आधार पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में झारखंड के बच्चों के प्रभावित होने की संभावना कम होगी. उक्त जानकारी स्वास्थ्य विभाग के इइसी के नोडल पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने शुक्रवार को दी है. हालांकि, श्री त्रिपाठी ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट चाहे जो भी हो, राज्य सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर योजनाबद्ध तरीके से ही तैयारी करेगी.
नोडल पदाधिकारी ने बताया कि बच्चों पर कोरोना की संभावित तीसरी के प्रभाव को लेकर पर डब्लूएचओ और एम्स नयी दिल्ली ने मिलकर सीरो सर्वे कराया है. मेडिकल कॉलेजों की टीम और कम्युनिटी मेडिसिन के एक्सपर्ट ने मिल कर इस सर्वे का अध्ययन किया है. इसमें दो से 18 साल के नीचे व उससे अधिक उम्र वाले लोगों के सैंपलों की जांच की गयी.
इसमें 18 साल से नीचे के 700 बच्चों का सैंपल में 55.7 फीसदी में पाॅजिटिविटी पायी गयी है. वहीं, 18 साल से ऊपर वालों में 63.5 फीसदी पॉजिटिविटी मिली है. सर्वे के रिपोर्ट राहत देने वाले हैं. लेकिन, विशेषज्ञों ने कहा है कि चूंकि सर्वे में बहुत कम सैंपलों पर निष्कर्ष निकाला गया है, इसलिए इस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. अध्ययन व सर्वे की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी.
राज्य में अभी के दोनों सीरो सर्वे में बच्चों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए अभी निश्चिंत नहीं होना चाहिए. जिन पांच संस्थानों में यह सर्वे किया गया, उसमें एम्स नयी दिल्ली, एम्स गोरखपुर, एम्स भुवनेश्वर, पांडुचेरी मेडिकल कॉलेज, अगरतल्ला मेडिकल कॉलेज सेरोलॉजिकल स्टडी शामिल हैं.
Posted By : Sameer Oraon