Coronavirus : मरीज के इलाज से मना किया तो अस्पताल पर होगी कार्रवाई

उपायुक्त छवि रंजन ने रविवार को शहर के निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की. इसमें उपायुक्त ने सभी निजी अस्पतालों से सख्त लहजे में कहा कि कोविड संक्रमित के अलावा आपके अस्पताल में रोजाना अलग- अलग समस्या के साथ लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 3, 2020 1:40 AM

रांची : उपायुक्त छवि रंजन ने रविवार को शहर के निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की. इसमें उपायुक्त ने सभी निजी अस्पतालों से सख्त लहजे में कहा कि कोविड संक्रमित के अलावा आपके अस्पताल में रोजाना अलग- अलग समस्या के साथ लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में किसी भी मरीज काे आप संदेह के आधार पर इलाज से वंचित नहीं कर सकते हैं. अगर संदेह की स्थिति हो या लक्षण प्रतीत होता है तो उनकी जांच करवायें. हर एक मरीज का इलाज आइसीएमआर और राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए करायी जाये.

उपायुक्त ने कहा कि अगर इस तरह की शिकायत मिलती है कि किसी अस्पताल ने इलाज करने से मना किया है, तो यह हमारे लिए एक शर्मनाक स्थिति है. ऐसे में हमें कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. ऐसे में विपरीत परिस्थिति में हमें साथ मिल कर लोगों की सेवा करनी है. बैठक में डीडीसी अन्नय मित्तल भी उपस्थित थे.

उपायुक्त बोले

  • किसी मरीज पर संदेह हो तो अस्पताल जांच करायें, आइसीएमआर

  • और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पूरी तरह अनुपालन करते हुए इलाज करें

संक्रमित मरीज की पुष्टि हो, तो प्रशासन को बिना बताये डिस्चार्ज न करें निजी अस्पताल : बैठक में सभी निजी उपायुक्त ने अस्पतालों से कहा गया कि अगर किसी मरीज की सरकारी या निजी लैब से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और आपके पास इलाज की सुविधा नहीं है, तो डिस्चार्ज करने से पहले इसकी जानकारी जिला प्रशासन को अवश्य देनी है. जिला प्रशासन को बिना जानकारी दिये अगर किसी मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है, तो ऐसे मामलों में कार्रवाई की जायेगी.

एसिम्टोमैटिक मरीजों के लिए बढ़ायें बेड की संख्या : बैठक में उपायुक्त ने सभी निजी अस्पताल संचालकों से एसिम्टोमैटिक मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि हर व्यक्ति को समुचित इलाज उपलब्ध करायी जा सके. उपायुक्त ने कहा कि कोरोना के जितने भी मामले रांची जिला में सामने आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर मामले एसिम्टोमैटिक या माइल्ड सिंप्टम के हैं. चूंकि मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन एसिम्टोमैटिक मरीजों को आइसीयू या कोविड डेडिकेटेड अस्पताल सेंटर (डीसीएचसी) में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. ऐसे में प्राइवेट कोविड केयर सेंटर की मदद से लोगों को सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है.

Post by : Pritish Sahay

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