15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

coronavirus impect jharkhand : कृषि विभाग का बजट 3362 करोड़, खर्च मात्र पांच करोड़

झारखंड में कोरोना का असर कृषि विभाग पर भी दिख रहा है, 3362 करोड़ के बजट में केवल पांच करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया है.

रांची : झारखंड में कोरोना का असर कृषि विभाग पर भी दिख रहा है. विभाग की अधिसंख्य स्कीमों का संचालन नहीं हो पा रहा है. वित्तीय वर्ष का छह माह गुजर जाने के बाद भी कई योजनाओं की स्वीकृति आदेश नहीं निकल पाया है. कई योजनाएं मंत्री, तो कुछ अन्य स्तर पर लंबित हैं. वैसे कोविड-19 के कारण करीब-करीब सभी विभाग की स्थिति यही है.

राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 3362 करोड़ रुपये का बजट रखा था. सितंबर माह की समाप्ति तक मात्र पांच करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया है. वैसे विभाग का दावा है कि प्रतिबद्ध व्यय (कमिटेड एक्सपेंडिचर) करीब 350 करोड़ रुपये के आसपास है.

विभाग ने सबसे अधिक बजट (दो हजार करोड़) किसानों के कर्ज माफी के लिए रखा है. इसके भुगतान की प्रक्रिया पर विभाग काम कर रहा है. कृषि विभाग के अधीन आनेवाले सहकारिता विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में अब तक एक रुपये भी योजना पर खर्च नहीं किया है.

चालू वित्तीय वर्ष का खरीफ मौसम गुजर गया है. कृषि विभाग ने बीज विनिमय के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इसमें करीब 38 लाख रुपये खर्च हो पाया है. करीब 7.41 करोड़ रुपये प्रतिबद्ध व्यय इस योजना पर बताया जा रहा है.

किस-किस योजना में हुआ खर्च

कृषि : बीज विनिमय वितरण एवं बीज उत्पादन (37 लाख), बीएयू को अनुदान (1.47 करोड़), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (29 लाख).

पशुपालन : जेएसआइए, गोसेवा आयोग व पशु कल्याण बोर्ड को ग्रांट (1.25 करोड़), राज्य सरकार द्वारा संचालित लाइव स्टॉक व पोल्ट्री फर्म को फीड, दवा व प्रबंधन के लिए (1.50 करोड़), पशु चिकित्सा अस्पतालों के लिए (दो करोड़) व दैनिक मजदूरों को भुगतान (86 लाख).

मत्स्य : तालाब एवं जलाशय विकास व जीर्णोद्धार (1.98 करोड़), मछुआरा बीमा (11 लाख)

गव्य : प्रशिक्षण, प्रसार व कौशल विकास (15 लाख)

जो योजनाएं अब तक शुरू नहीं हो पायीं

कृषि : कृषि मेला (बजट : 10 करोड़), कृषि विभाग द्वारा संचालित एजेंसियों को अनुदान (सात करोड़), सिंगल विंडो सेंटर की स्थापना (तीन करोड़), कृषि प्रयोगशाला की स्थापना ( दो करोड़), मिट्टी जांच संबंधी भुगतान (चार करोड़), आधारभूत संरचना निर्माण (चार करोड़), धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता के लिए सहायता (200 करोड़), कृषि ऋण माफी ( 2000 करोड़), कृषक राहत कोष ( एक करोड़), कृषकों, महिला समूहों को कृषि यंत्र ( 50 करोड़), उद्यान विकास योजना (चार करोड़), जैविक प्रमाणीकरण एवं जैविक खाद को प्रोत्साहन ( 45.80 करोड़), जल निधि ( एक करोड़), बंजर भूमि विकास (एक करोड़), मधुमक्खी पालन योजना ( दो करोड़).

क्या कहते हैं अबू बकर सिद्दीकी, कृषि सचिव

कृषि विभाग का बड़ा बजट ऋण माफी का है. इस पर काम हो रहा है. जल्द ही इसका लाभ किसानों को मिलेगा. खरीफ में बीज वितरण के लिए राशि का प्रावधान था, वह खर्च हो गया है. एनएससी को राशि भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. बाकी खर्च रबी में होगा. इसके अतिरिक्त विभाग की अन्य योजनाएं भी जल्द शुरू की जायेंगी. खर्च जल्द ही बढ़ेगा

posted by : sameer oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें