सुनील चौधरी, रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमितों में उन मरीजों की मौत ज्यादा हो रही है, जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित रहे हैं. ऐसे कोमोर्बिड कंडीशन (सहरुग्णता परिस्थिति) वाले मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. वेंटिलेटर पर ले जाने के बावजूद ऐसे मरीज नहीं बच पाते. झारखंड में अब तक जितने कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है, उनमें 93.96 प्रतिशत मरीजों की मौत कोमोर्बिड कंडीशन की वजह से हुई है. इनमें ज्यादातर मरीजों को पहले से ही डायबिटीज, किडनी, हृदय रोग, अस्थमा, निमोनिया, हाइबीपी या टीबी जैसी बीमारियां थीं. स्वास्थ्य विभाग मौत की वजहों का अध्ययन कर रहा है और ऐसी बीमारी से ग्रसित लोगों को संक्रमित होने के पहले ही सतर्क रहने की चेतावनी दे चुका है. ऐसे मरीजों को कम से कम बाहर निकलने और बचने की सलाह दी गयी है.
कोविड का भय भी मौत की वजह : रिम्स रांची में भर्ती कोकर की एक 61 वर्षीया महिला की मौत की वजह कोविड साइकियाट्री भी रही. वह कोरोना संक्रमित थी, पर अन्य कोई बीमारी नहीं थी. लेकिन कोरोना संक्रमित होते ही वह मानसिक रूप से भयभीत हो गयी और नतीजा यह हुआ कि उनकी मौत हो गयी.
51 से 70 आयु वर्ग के लोगों की सबसे ज्यादा मौत : विभाग के अनुसार जिन 729 मरीजों की मौत हुई है, उनमें 363 मरीज की आयु 51 से 70 वर्ष है. इनमें 87 महिलाएं हैं. वहीं 70 वर्ष से अधिक आयु के 181 लोग हैं. इस आयु वर्ग में सबसे ज्यादा खतरा माना गया है. वहीं 31 से 50 आयु वर्ग के 145 मरीजों की मौत हो चुकी है.
विभाग के इंटीग्रेटेड डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (आइडीएसपी) ने यह पाया कोरोना संक्रमण होने पर वायरस का असर फेफड़ा, हृदय और किडनी पर भी पड़ता है. इस कारण मरीज की मौत हो जाती है. 11 से 30 अायु वर्ग के 29 व 10 वर्ष से नीचे के तीन लोगों की मौत हो गयी है. युवाओं में मौत की वजह सांसों में संक्रमण और निमोनिया पायी गयी है.
दो अक्तूबर तक 729 संक्रमितों की मौत
685 को पहले से थी कोई न कोई बीमारी
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डायबिटीज, किडनी, हृदय, अस्थमा, सांस की बीमारी, निमोनिया, हाइ बीपी, टीबी रोगी व अधिक मोटापा वाले कोमोर्बिड मरीजों की ज्यादा हो रही मौत, रहें सावधान
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स्वस्थ होने के बाद भी पोस्ट कोविड इफेक्ट मरीजों में दिख रहा है
मौत की वजह बन रहीं कई बीमारियां : स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन के अनुसार, 23 सितंबर को बोकारो के एक संक्रमित की मौत निमोनिया से हो गयी. 24 सितंबर को जमशेदपुर के 51 वर्षीय संक्रमित की मौत हार्ट डिजीज से हुई. रांची बरियातू के 72 वर्षीय संक्रमित की मौत 17 सितंबर को हो गयी. वह भी हार्ट डिजीज से ग्रसित थे. चार सितंबर को वह संक्रमित पाये गये थे और एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. 14 सिंतबर को पलामू के 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत रांची के रिम्स में हो गयी. वह निमोनिया से ग्रसित थे.
50 वर्ष से अधिक आयु के रहें सतर्क – कुलकर्णी : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक आयु के वैसे लोग, जिनको पहले से ही डायबिटीज, अस्थमा, टीबी, हृदय रोग और किडनी रोग जैसी बीमारियां हैं, उन्हें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. संभव हो तो बाहर नहीं निकलें, ताकि संक्रमण न हो सके. डॉ कुलकर्णी ने बताया कि पोस्ट कोविड कंप्लिकेशन के मामले भी अब आने लगे हैं.
जिन्हें पूर्व से बीमारियां हैं या सिंपटोमैटिक रहे हैं, उनके कोरोना निगेटिव होने के बाद भी खतरा बरकरार रहता है. कोरना संक्रमण की वजह से उनके लंग्स और हार्ट में इंफेक्शन हो जाता है. इस कारण खतरा बना रहता है. ऐसे लोग अपना ध्यान रखें और नियमित रूप से चेकअप कराते रहें. अधिक मोटापावाले लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है.
Posted by : Pritish Sahay