Coronavirus in Jharkhand : कोरोना से जंग हार गये झारखंड के पूर्व सांसद व पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, भाजपाइयों का साथ नहीं मिलने की बात आई थी सामने

Coronavirus in Jharkhand : (शीन अनवर) चक्रधरपुर : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद सह पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का निधन हो गया. वह 57 वर्ष के थे. गुरुवार रात 2:10 बजे टाटा मोटर्स अस्पताल जमशेदपुर में उन्होंने अंतिम सांस ली. Coronavirus , Jharkhand ,former mp and former bjp state president laxman gilwa died ,covid 19 ,corona se maut

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2021 7:37 AM
  • लक्ष्मण गिलुवा का निधन

  • लक्ष्मण गिलुवा अपना राजनीतिक गुरु दिवंगत सांसद रूद्र प्रताप सारंगी को मानते थे

  • भाजपाइयों का साथ नहीं मिलने की बात सामने आई थी

Coronavirus in Jharkhand : (शीन अनवर) चक्रधरपुर : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद सह पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का निधन हो गया. वह 57 वर्ष के थे. गुरुवार रात 2:10 बजे टाटा मोटर्स अस्पताल जमशेदपुर में उन्होंने अंतिम सांस ली. यहां चर्चा कर दें कि विगत 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें टाटा मोटर्स हॉस्पिटल जमशेदपुर में दाखिल कराया गया था.

जहां प्रारंभ में उन्हें इलाज में भाजपाइयों का साथ नहीं मिलने की बात सामने आई थी. लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समर्थकों ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में इस बात से इनकार किया और श्री गिलुवा के स्वस्थ होने की जानकारी दी गई तथा उन्हें हर तरह से इलाज उपलब्ध कराने की बात कही गई.

अस्पताल में उन्हें रेमडेसिवीर इंजेक्शन की आवश्यकता थी, लेकिन वह इंजेक्शन उन्हें नहीं मिल रही थी. जिसके बाद बहरागोड़ा विधायक कुणाल सारंगी ने ट्वीट कर इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की. जिसके बाद उन्हें इंजेक्शन उपलब्ध हो सका था. टाटा मोटर्स अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा था. इस दौरान कांटेक्ट ड्रेसिंग के तहत चक्रधरपुर स्थित उनके निवास स्थान में रहने वाले सभी सदस्यों का ट्रूनेट द्वारा कोरोनावायरस की जांच 23 अप्रैल को की गई. जिसमें परिवार के छह अन्य सदस्य पॉजिटिव पाए गए. सभी 6 सदस्य वर्तमान में होम आइसोलेटेड हैं.

लक्ष्मण गिलुवा का राजनीतिक सफरनामा : लक्ष्मण गिलुवा अपना राजनीतिक गुरु दिवंगत सांसद रूद्र प्रताप सारंगी को मानते थे. उन्हीं के नेतृत्व में उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी. पहली बार 1990 में निर्दलीय चक्रधरपुर विधानसभा से चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें शिकस्त मिली थी. 1995 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चक्रधरपुर विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. सिंहभूम के दबंग राजनीतिज्ञ विजय सिंह सोय को 1999 के तेरहवीं लोकसभा में शिकस्त देकर वह पहली बार सांसद बने थे. 2009 में वह झारखंड विधानसभा के सदस्य चुने गए. 16वीं लोकसभा में 2014 का चुनाव उन्होंने जीता और फिर सांसद चुने गए. दो बार सांसद एवं दो बार विधायक बनने के बाद 2018 में उन्हें झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. राजनीति के प्रारंभ में वह चक्रधरपुर प्रखंड अध्यक्ष और पश्चिमी सिंहभूम जिला भाजपा अध्यक्ष भी रहे थे.

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