Jharkhand News: रांची के रिम्स में 2 दिन बाद शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग, पहले जांच के लिए भेजा था ओड़िशा

अब झारखंड में भी जिनोम की जांच हो पाएगी. क्यों कि क्यूबिट फ्लोरोमीटर मशीन अमेरिका से रिम्स पहुंच गयी है. अब दो दिन बाद रिम्स में जांच शुरू हो जाएगी. इससे पहले जिनोम सिक्सेवेंसिंग की जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा जाता था.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2022 9:34 AM

रांची : क्यूबिट फ्लोरोमीटर मशीन अमेरिका से रिम्स पहुंच गयी है. अब दो दिन बाद रिम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच शुरू हो जायेगी. सिक्वेंसिंग की जांच से वायरस और बैक्टीरिया के नये वैरिएंट की जानकारी राज्य में ही हो जायेगी. इससे डॉक्टर समय रहते उससे बचाव का उपाय ढूढ़ पायेंगे और सरकार उसके हिसाब से निर्देश भी जारी कर पायेगी.

इससे पहले कोरोना के बढ़ते संक्रमण और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने जीनोम सिक्सेवेंसिंग की जांच भुवनेश्वर के आइएलएस लैब से कराने का निर्देश दिया था. संक्रमितों के सैंपल को संग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू भी हो गयी है.

रिम्स के डॉक्टर व वैज्ञानिक लेंगे ट्रेनिंग :

जीनोम मशीन से कुछ सैंपल की प्रारंभिक जांच भी कर ली गयी है, जिससे मशीन की गुणवत्ता की जांच हो गयी. मंगलवार को कंपनी के अधिकृत इंजीनियर रिम्स आयेंगे और यहां नियुक्त वैज्ञानिक व डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेंगे. जीनोम मशीन से क्यूबिट फ्लोरोमीटर को जोड़ दिया जायेगा,जिसके बाद सैंपल की जांच शुरू हो जायेगी. सूत्रों की मानें तो सोमवार को ही कंपनी के अधिकृत इंजीनियर को आना था, लेकिन किसी कारण से वह नहीं पहुंच पा रहे हैं. अगर सोमवार को वह आ जाते, तो इसी दिन से जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच शुरू हो जाती.

ओमिक्रोन के समय से चल रही प्रक्रिया

राज्य में कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रोन के समय से ही राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए मशीन को मंगाने की प्रक्रिया चल रही है. मशीन को दिसंबर 2021 में खरीदने के लिए अमेरिका कंपनी को कार्यादेश देते हुए 45 दिनों में ही उपलब्ध कराने को कहा गया था, लेकिन छह महीना बाद भी जांच शुरू नहीं पायी है.

Posted By: Sameer Oraon

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