Coronavirus in Jharkhand : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में भरोसा दिया है कि जल्द ही झारखंड में कोरोना को नियंत्रित कर लिया जायेगा.लॉकडाउन के मुद्दे पर कहा कि सबके सुझावों पर ठोस निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सब मिलजुल कर राज्य को कोरोना मुक्त बनायेंगे. हालांकि राजनीतिक दलों ने भी सरकार के साथ इस मुद्दे पर खड़े होने की बात कही. इससे पहले सर्वदलीय बैठक में झामुमो, भाजपा ने लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया.
वहीं कांग्रेस व वामदल ने पूर्ण लॉकडाउन का विरोध किया. जबकि एनसीपी ने सप्ताह में तीन दिन लॉकडाउन लगाने की बात कही. सत्ताधारी पार्टी झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने महामारी से निबटने के लिए लॉकडाउन लगाने की बात कही. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सप्ताह में तीन दिन और 15 दिनों तक कर्फ्यू लगाने का सुझाव दिया है.
राज्य सरकार होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों तक दवा और पल्स ऑक्सीमीटर पहुंचायेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के विभिन्न जिलों में होम आइसोलेशन में रह कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे संक्रमितों तक दवा और ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. पहले चरण में 15,000 संक्रमितों तक दोनों चीजें पहुंचायी जायेंगी. होम आइसोलेशन के लिए राज्यस्तरीय नोडल पदाधिकारी डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने बताया कि अगले सप्ताह से घर में रह कर कोविड से लड़ रहे लोगों तक दवा और ऑक्सीमीटर का पैकेट पहुंचाना शुरू कर दिया जायेगा.
परिस्थितियों के मुताबिक 99% संक्रमित अपने घर में ही रह कर ठीक हो सकते हैं. केवल एक प्रतिशत मरीजों काे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, जबकि, 0.1 प्रतिशत संक्रमितों को ही वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है. इसी प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार होम आइसोलेशन को प्रमोट कर रही है. घर में ही रह कर इलाज करानेवालों को राज्य सरकार की ओर से हर तरह की सुविधा दी जायेगी.
होम आइसोलेशन को बढ़ावा देकर झारखंड सरकार कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए दिल्ली मॉडल अपना रही है. दिल्ली सरकार की तर्ज पर राज्य में भी होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को संक्रमण से लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.ज्ञात हो कि दिल्ली में संक्रमण फैलने के बाद गंभीर मरीजों को बेड उपलब्ध कराने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा था. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने हल्के लक्षणवाले मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखने का फैसला किया. उनको जरूरत का सामान और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी. वहां होम आइसोलेशन का आइडिया बेहद कारगर साबित हुआ. ठीक होनेवाले संक्रमितों की संख्या बढ़ी. अस्पतालों में जगह मिलने के कारण कोविड से होनेवाली मौतों पर भी काफी हद तक लगाम लगा.