Corona Update In Jharkhand Today रांची : सदर अस्पताल की कोविड आइसीयू में गुरुवार सुबह चार बजे ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से पांच कोरोना संक्रमितों की तड़प-तड़प कर जान चली गयी. वहीं 50 मरीजों के परिजनों ने ऑक्सीजन सिलिंडर लगा कर उनकी जान बचायी. परिजनों ने बताया कि हाइफ्लो नेजल कैंडुला (एचएफएनसी)का लेवल 50 होना चाहिए, जो गिर कर 12 पर आ गया.
ऐसा करीब 30 मिनट तक रहा. ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होते ही मरीजों का दम घुटने लगा. परिजनों ने ऑक्सीफ्लोमीटर देखा, तो उनके होश उड़ गये. जिनके पास अपना सिलिंडर था, उन्होंने मरीजों को लगा दिया. जिन पांच मरीजों के पास सिलिंडर नहीं था, उनकी जान परिजनों के सामने चली गयी. मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
वहीं दूसरी ओर घटना की जानकारी मिलते ही सुबह छह बजे डीडीसी समेत अन्य पदाधिकारी सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने मेनीफोल्ड के कर्मियों से भी ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के संबंध में पूछताछ की.
वहीं अस्पताल प्रबंधन मामले को दबाने में जुट गया है. एक संक्रमित के परिजन ने बताया कि आइसीयू में ऑक्सीजन आपूर्ति का प्रेशर कम होने की जानकारी थी. इसलिए हमलोगों ने पहले से ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था कर ली थी. गुरुवार सुबह में ऐसा ही हुआ. जिनके पास ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं था वह अपने मरीज की जान बचाने के लिए दौड़ते-भागते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था.
जिनके पास ऑक्सीजन सिलिंडर था, उनकी जान बच गयी. गौरतलब है कि प्रभात खबर ने गुरुवार के अंक में ही आगाह कर दिया था कि सदर अस्पताल में मैनीफोल्ड से आइसीयू को मिलनेवाले ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्धारित 55-60 एचएफएनसी से आधी होती है. मुश्किल से 30 तक रहता है, लेेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
4.00 बजे सुबह से 4.30 बजे तक अटकी रहीं सांसें, 50 मरीज बचे
प्रभात खबर ने पहले ही आइसीयू में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने की खबर प्रकाशित कर आगाह किया था
आइसीयू में हाइफ्लो नेजल कैनुला (एचएफएनसी) होना चाहिए 50, गुरुवार को गिर कर आ गया था 12.
50 मरीजों के परिजन ने अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलिंडर लगा कर बचायी जान
शोभा तिवारी (43साल)
मंजू सिन्हा (52 साल)
फागु उरांव (60 साल)
सती गुहा ( 80 साल)
सदर अस्पताल रांची की ऊंची बिल्डिंग किसी मेडिकल कॉलेज से कम नहीं है. यहां 500 बेड की आधारभूत संरचना है, जिसमें से 300 का संचालन हो रहा है. शेष 200 बेड को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यानी इतनी बड़ी बिल्डिंग तैयार कर ली गयी, लेकिन ऑक्सीजन लिक्विड टैंक तैयार नहीं किया गया. विशेषज्ञाें का कहना है कि अगर सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति रहती, तो आइसीयू व अन्य वार्ड का संचालन मानकाें के हिसाब से होता. अस्पताल में जितने कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है, वह आधी हो जाती.
मैनीफोल्ड में दिक्कत हो गयी थी, जिससे ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया था. आइसीयू में जो गंभीर संक्रमित भर्ती थे उनको पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाया, जिससे पांच संक्रमितों की मौत हो गयी.
डॉ एस मंडल, उपाधीक्षक सदर अस्पताल
Posted By : Sameer Oraon