Coronavirus: कोरोना से झारखंड में राहत, घट रहा है संक्रमण, जनवरी के दूसरे हफ्ते ही गुजरा पीक
Coronavirus in Jharkhand: तीसरी लहर के दौरान झारखंड में जनवरी का दूसरा सप्ताह कोरोना का पीक माना जा रहा है. इन दो सप्ताह में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक थी. हालांकि 15 जनवरी के बाद केस कम होने लगे. अब विशेषज्ञ 15 जनवरी के आसपास ही राज्य में तीसरी लहर का पीक मान रहे हैं.
Coronavirus in Jharkhand: सुनील चौधरी, रांची: तीसरी लहर के दौरान झारखंड में जनवरी का दूसरा सप्ताह कोरोना का पीक माना जा रहा है. इन दो सप्ताह में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक थी. हालांकि 15 जनवरी के बाद केस कम होने लगे. अब विशेषज्ञ 15 जनवरी के आसपास ही राज्य में तीसरी लहर का पीक मान रहे हैं. वजह है कि हाल के दिनों में नये मामलों में कमी देखी गयी है. 17 से 21 जनवरी के बीच संक्रमण दर 3.78 प्रतिशत पर आ गयी है. हालांकि दिसंबर में संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) 0.15 प्रतिशत थी.
दिसंबर की तुलना में अभी भी संक्रमण दर अधिक है. तीसरी लहर की शुरुआत स्वास्थ्य विभाग ने 25 दिसंबर 2021 से मानी है. वजह है कि 20 दिसंबर से 26 दिसंबर के बीच केवल 326 नये संक्रमित मिले थे. संक्रमण दर 0.15 प्रतिशत थी. लेकिन 27 दिसंबर से तीन जनवरी के बीच 1.78 प्रतिशत की दर से कुल 3936 संक्रमित मिले थे. तब सरकार ने कुछ पाबंदी लगायी. चार जनवरी से जो पाबंदी लगायी गयी है, वह 31 जनवरी तक लागू है.
पीक गुजरा, पर एहतियात जरूरी
राज्य कोविड टास्क फोर्स रिम्स के सदस्य डॉ प्रभात कहते हैं कि झारखंड में हम कह कह सकते हैं कि कोरोना का पीक थम गया है. 14-15 जनवरी ही कोरोना का पीक माना जा रहा है. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर देखें, तो देशभर में सर्वाधिक मामले आ रहे हैं. लेकिन झारखंड में कमी देखी जा रही है. यह अच्छा संकेत हैं. लोगों में हर्ड इम्युनिटी डेवलप हो रहा है.
नये मामलों में कमी आयी है, तो माना जा रहा है कि टीका अथवा संक्रमण की वजह से हर्ड इम्युनिटी डेवलप हुआ है. हमारा अनुमान है कि जितने संक्रमित मिले हैं, उससे डेढ़ गुना ज्यादा लोगों ने जांच ही नहीं करायी है. उन्होंने सर्दी-खांसी और बुखार मानकर दवा ले ली. संयोग से ठीक हो गये हैं.
लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. थोड़ा भी लक्षण है, तो जांच जरूर करायें. इससे लोगों के संक्रमण की वास्तविक स्थिति का पता चलता. लेकिन यह भी ध्यान रखें कि पीक गुजरा है कोरोना नहीं. एहतियात बरतना लोग न भूलें. मास्क और सैनिटाजर को अपनी जिंदगी का आवश्यक हिस्सा बना लें. तभी संक्रमण से लड़ाई लड़ी जा सकती है.
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0.15% संक्रमण दर थी दिसंबर के तीसरे सप्ताह में
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5.60% पर जा पहुंची थी संक्रमण दर जनवरी के दूसरे सप्ताह में
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3.78% औसतन मिल रहे संक्रमित अब, 17 जनवरी से मामले कम होने लगे
एक महीने में कोरोना से 102 ने गंवायी जिंदगी
कोरोना की तीसरी लहर हालांकि ज्यादा घातक नहीं मानी जा रही है, लेकिन तब भी विशेषज्ञ पूरी एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि तीसरी लहर में 20 दिसंबर 2021 से लेकर 22 जनवरी 2022 की शाम पांच बजे तक कुल 102 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है. हालांकि इनमें 50 प्रतिशत से अधिक केस कोमोर्बिड हैं.
यानी उनमें पहले से ही कोई न कोई बीमारी थी. इनमें सर्वाधिक संख्या बुजुर्गों की है. 60 वर्ष से अधिक आयु के करीब 55 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद 45 से 59 वर्ष के बीच के करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है. शेष अन्य आयु वर्ग के हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उन्हें खासतौर पर एहतियात बरतनी है.
Posted by: Pritish Sahay