कोरोना काल में 1131 बच्चे झारखंड में हुए अनाथ, सरकार कर रही देखभाल, जानें किस जिले में है सबसे ज्यादा
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने अनाथ हुए बच्चों का दिया ब्योरा, अनाथ हुए 1131 बच्चों में 159 बच्चों की उम्र छह साल से कम. 583 बच्चों को प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे रही सरकार, 106 बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खोया, 1012 बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की हुई मौत.
Jharkhand Coronavirus Update रांची : कोरोना से हुई मौत की वजह से झारखंड के 1131 बच्चे अनाथ हुए हैं. अनाथ हुए बच्चों को राज्य सरकार आर्थिक सहायता दे रही है. स्कूल में पढ़ रहे अनाथ बच्चों की फीस माफ करने के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में दाखिल शपथ पत्र में राज्य सरकार ने इन तथ्यों का उल्लेख किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही सभी राज्यों को अनाथ हुए बच्चों का ब्योरा और उन्हें दी जानेवाली सहायता के सिलसिले में शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था. इसी निर्देश के आलोक में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया है. राज्य सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र में इस बात का उल्लेख है कि कोरोना के दौरान 1131 बच्चे अनाथ हुए हैं.
इनमें से 159 बच्चों की उम्र छह साल से कम है. 106 बच्चों ने कोरोना के दौरान अपने माता-पिता दोनों को खोया है. 1012 बच्चों के माता पिता में से किसी एक की मौत हुई है. राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर 583 बच्चों को आर्थिक सहायता दे रही है. इन बच्चों को प्रतिमाह दो हजार रुपये की दर से आर्थिक सहायता दी जा रही है. कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों में से 972 बच्चे स्कूल जाते हैं. इनमें से 530 बच्चे राज्य के विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. 442 बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को यह निर्देश दिया है कि वह इन बच्चों की फीस माफ करायें.
कोरोना में अनाथ हुए बच्चों व उन्हें दी जा रही सरकारी सहायता का ब्योरा
जिला अनाथ दोनों खोया एक खोया मदद निजी स्कूल सरकारी स्कूल
रांची 181 24 157 81 59 94
बोकारो 62 08 54 09 29 19
चतरा 45 02 4330 27 07
देवघर 38 02 23 28 33 00
धनबाद 123 01 122 37 32 69
दुमका 20 04 16 11 16 03
पूर्वी सिंहभूम 93 06 87 93 10 72
गढ़वा 16 00 16 09 09 03
गिरिडीह 34 04 30 22 24 27
गोड्डा 37 01 36 04 18 11
गुमला 34 10 24 24 23 08
हजारीबाग 42 03 39 20 14 25
जामताड़ा 20 02 18 16 03 14
खूंटी 57 11 46 52 35 20
कोडरमा 25 00 25 20 10 12
लातेहार 24 01 23 12 09 04
लोहरदगा 42 06 36 20 31 10
पाकुड़ 26 00 26 07 10 05
पलामू 35 00 35 03 11 24
रामगढ़ 40 04 36 00 38 02
साहिबगंज 16 00 16 04 06 09
सरायकेला 44 10 34 27 35 02
सिमडेगा 47 00 47 24 20 20
पश्चिम सिंहभूम 30 07 23 30 28 02
रांची में सबसे ज्यादा 181 बच्चे हुए अनाथ
राज्य सरकार की ओर दायर आंकड़ों में इस बात का उल्लेख है कि राजधानी रांची में अनाथ होनेवाले बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. रांची में कुल 181 बच्चे अनाथ हुए हैं. इनमें 24 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता दोनों को खोया है. 157 बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है. रांची के बाद धनबाद सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. धनबाद में कोरोना से 123 बच्चे अनाथ हुए हैं. इनमें से 122 बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है.
सिर्फ एक बच्चे के माता-पिता की मौत हुई है. राज्य सरकार जिन 583 बच्चों को प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक सहयता दे रही है, उनमें सबसे ज्यादा बच्चे पूर्वी सिंहभूम जिला के हैं. इस जिले में 93 बच्चों को प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जा रही है. राजधानी रांची में 81 बच्चों को आर्थिक सहायता दी जा रही है. कोरोना में अनाथ हुए बच्चों में से सबसे ज्यादा रांची में 94 बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. पूर्वी सिंहभूम में 72 बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं.
Posted By : Sameer Oraon