रांची : कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को संकट में डाल दिया है. सभी भयभीत हैं. तापमान में उतार-चढ़ाव से मौसमी बीमारी जैसे: बुखार, सर्दी व खांसी सामान्य बात है, लेकिन ऐसे एक भी लक्षण आते ही लोगों में डर समा जा रहा है.
स्वस्थ लोग भी जांच कराने के लिए बेचैन हो जा रहे हैं. इसी डर को दूर करने के लिए प्रभात खबर ने एक पहल की है. शहर के तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल बनाया है़ इसमें एक मेडिसिन, एक छाती रोग और एक नाक-कान व गला रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. आप डॉक्टरों के इस पैनल पर सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक परामर्श ले सकते हैं. व्हाट्सऐप पर भी अपनी समस्या बता सकते हैं. इसी को लेकर शनिवार को प्रभात खबर टेली काउंसेलिंग की शुरुआत हुई़ इसमें झारखंड और बिहार के 100 से ज्यादा पाठकों ने सवाल पूछे.
अगर आप दूसरे देश की यात्रा कर भारत लौटे हैं या फिर आप ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आये हैं जो कोरोना पॉजिटिव है, तो आप जांच करा लें. अगर ऐसा नहीं है, तो घबराये नहीं. इस मौसम में सीजनल फ्लू के कारण सर्दी-खांसी सामान्य बात है. साबुन से हाथ साफ किया करें. खांसते और छींकते समय टिश्यू पेपर या रूमाल का प्रयोग करें. बुखार आने पर पेरासिटामोल ले सकते हैं.
मौसम बदलने से आपको ऐसी समस्या हो रही है. कॉमन कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम यह आमतौर पर फ्लू है. सामान्य वायरल इंफेक्शन में नाक व गले को प्रभावित करता है. इसमें लक्षण के आधार पर इलाज होता है. गर्म खाद्य पदार्थ व पेय पदार्थ का उपयोग करें. खांसने व छींकने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साबुन-पानी से धोयें.
घबराने की कोई बात नही है. रांची से बाहर नहीं गयी हैं और विदेश से आये किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आयी हैं, तो कोरोना को लेकर चिंतित न हों. यह सामान्य फ्लू हो सकता है. हाथ को साफ रखें और मास्क का प्रयोग करें.
टीबी की दवा का कोर्स पूरी तरह लें. सिर्फ सर्दी व खांसी है, तो अभी कोई दवाई शुरू नहीं करें. यह एलर्जी या फ्लू से हो सकता है. अगर बुखार, शरीर में दर्द व गले में दर्द होता है, तो पेरासिटामोल व एलर्जी की दवा ले सकती हैं.
अभी तक किसी शोध में यह नहीं मिला है कि चिकेन या मटन खाने से कोरोना फैलता है. जो भी खायें, उसे अच्छे से पका कर खायें. हाथ को साबुन से बार-बार धोयें.
सांस फूलने का मतलब कोरोना ही हो, यह नहीं कहा जा सकता है. क्लोरीक्वीन एंटी मलेरियल ड्रग है, जो अकेले कुछ नहीं कर सकता. इसके साथ कई एंटी वायरल दवाएं चलती हैं, जो एचआइवी में भी दी जाती हैं. यह समझना भूल है कि इन दवाओं को लेने से आपको कोरोना नहीं हो सकता. आप विटामिन की दवाएं ले सकती हैं. बुखार 100 डिग्री से ज्यादा हो, तो पेरासिटामोल ले सकती हैं. बच्चों से दूरी बनायें. गर्म पानी का भाप लें.
डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें. यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. कई बार लोग खुद से एंटी-एलर्जिक, एंटी-बायोटिक दवाएं ले लेते हैं, जो वायरस के ऊपर एक सील्ड बना लेता है. ऐसे में उस पर बाद में कोई दवा असर नहीं करती. आप डरे नहीं, पास के फिजिशियन से मिलें.
अगर दम नहीं फूल रहा है, तो डरने की कोई बात नहीं है. बिना पूरी जांच के कुछ भी कहना मुश्किल है. इसके लिए अल्ट्रासाउंड कराना पड़ सकता है. वैसे डरने की कोई बात नहीं है. पास के किसी शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखा लें.
हो सकता है एसिडिटी की समस्या हो. यह खान-पान व रहन-सहन की गलत आदतों की वजह से हो रहा है. समय पर खाना खायें. भरपूर नींद लें. ज्यादा तीखा व मसालेदार न खायें. फिजिशियन से मिलें.
मेडिसिन
डॉ रविकांत चतुर्वेदी, फिजिसियन, बूटी मोड़
फोन नंबर : 94315-39055
व्हाट्सऐप नंबर : 99057-89265
डॉ हर्ष कुमार, कान-नाक-गला रोग विशेषज्ञ
पॉपुलर नर्सिंग होम, रातू रोड रांची
फोन व व्हाट्सऐप नंबर : 86749-34798
डॉ निशीथ कुमार, छाती रोग
आॅर्किड मेडिकल एचबी रोड, रांची
फोन व व्हाट्सऐप नंबर : 96957-49120
नोट : कृपया अपने सवाल सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे के दौरान ही पूछें. यह आपातकालीन व्यवस्था है़ अत: क्रॉनिक डिजीज के बारे में नहीं पूछें. व्हाट्सऐप पर प्राप्त सवालों के जवाब में ही दवा की जानकारी दी जायेगी.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.