Coronavirus Pandemic: झारखंड के अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से जुड़े, कोई और कलस्टर नहीं, रांची डीसी ने कही यह बात

रांची उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि झारखंड में कोरोना पॉजिटिव के अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह भ्रम की स्थिति है कि राजधानी के कई इलाकों से कोरोना पॉजिटिव मामले मिल रहे हैं तो कई और इलाके कोरोनावायरस के कलस्टर बन गये हैं. डीसी ने स्पष्ट किया की ऐसी कोई बात नहीं है. राजधानी में कोई और कलस्टर नहीं बना है. अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से किसी ना किसी रूप में जुड़े हैं

By AmleshNandan Sinha | April 28, 2020 10:45 PM

रांची : रांची उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि झारखंड में कोरोना पॉजिटिव के अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह भ्रम की स्थिति है कि राजधानी के कई इलाकों से कोरोना पॉजिटिव मामले मिल रहे हैं तो कई इलाके कोरोनावायरस के कलस्टर बन गये हैं. डीसी ने स्पष्ट किया की ऐसी कोई बात नहीं है. राजधानी में कोई और कलस्टर नहीं बना है. अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से किसी ना किसी रूप में जुड़े हैं.

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राजधानी में कोरोना के पांच तरह के मामले 

उपायुक्त ने कहा कि अभी जितने भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, वो 5 तरह हैं. पहला जो हिंदपीढ़ी से सीधे लिंक हैं, चाहे एएसआई का मामला हो या एंबुलेंस ड्राइवर का, वह हिंदपीढ़ी की वजह से ही संक्रमित हुए हैं. इस बारे में ऐसा सोचना कि यह अलग क्लस्टर बन गया है, सही नहीं होगा. दूसरा बेड़ो में जमात से जुड़ा मामला है जहां लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था. केवल 3 ऐसे मामले हैं जो अलग तरीके से बनते हैं. इसमें बुंडू और एक लैब टेक्नीशियन का मामला है जो अपने पिताजी का अंतिम कार्य कर वापस लौटा था. एक मामला रिम्स के मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्ति से जुड़ा हुआ है.

मंगलवार 28 अप्रैल को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी राय महिमापत रे ने मोराबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला में वरीय पुलिस अधीक्षक रांची एवं अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त ने कहा कि राज्य में कोरोनावायरस मामलों में बढ़ोतरी हो रही है और इसे लेकर कुछ मिथ्या भी हैं, जिसे दूर करने के लिए आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया गया है.

जांच ज्यादा हो रहे हैं, इसलिए मामले ज्यादा आ रहे हैं

प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री रे ने बताया कि रांची में 2653 कांटेक्ट ट्रेसिंग किये जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि कई जगह के मुकाबले रांची में ज्यादा जांच किये जा रहे हैं और इसी वजह से ज्यादा एसिंप्टोमेटिक मामले मिल रहे हैं. उन्होंने बताया की पॉजिटिव मामलों की पुष्टि होने के कुछ दिनों बाद ही एसिंप्टोमेटिक मामलों की जानकारी मिल पाती है और कांटेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से रांची में इसे पहले ही निकाला जा रहा है. उपायुक्त ने कहा कि रांची में 15 कंटेनमेंट जोन बनाये गये हैं. हिंदपीढ़ी लार्ज कंटेनमेंट जोन है जबकि 14 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाये गये हैं.

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रिम्स के अलावा सीसीएल गांधीनगर अस्पताल है दूसरा कोविड-19 अस्पताल

उपायुक्त ने बताया कि यह भी मिथ्या है कि रिम्स के मरीजों से भर जाने के बाद उन्हें कहां रखा जायेगा? उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला प्रशासन ने दूसरे अस्पताल की भी शुरुआत कर दी है. गांधीनगर सीसीएल कोविड-19 अस्पताल की शुरुआत की गयी है, जिसका निरीक्षण भी कर लिया गया है. यहां पर मरीज भी जा चुके हैं यह पूरी तरह से क्रियान्वित है. आठ और स्थानों की भी माइक्रो प्लानिंग की जा चुकी है.

श्री रे ने बताया कि रांची में 6980 से ज्यादा लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है. लोगों को होम क्वारेंटाइन इसलिए रखा जा रहा है क्योंकि संक्रमण फैलने का खतरा इससे कम होता है. आईसीएमआर ने भी इसकी पुष्टि की है. एक मजदूर को क्वारेंटाइन से बिना जांच के निकाले जाने की खबर पर उपायुक्त ने कहा कि मजदूर कभी क्वारेंटाइन में था ही नहीं. वह शेल्टर होम में था. रांची जिले में करीब 15 शेल्टर होम चलाये जा रहे हैं.

स्वास्थ्य कर्मियों के होटल में क्वारेंटाइन किये जाने की खबर जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन ना किये जाने की बात कही गयी थी, उसपर श्री रे ने कहा कि दरअसल सभी को अलग-अलग कमरे उपलब्ध कराये गये थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया प्रतिनिधियों से उपायुक्त ने कहा कि किसी भी मामले को लेकर उसपर जिला प्रशासन का पक्ष ले और उसके बाद खबर प्रकाशित या प्रसारित करें, ताकि लोग पैनिक न हो.

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लोगों के ठीक होने का अनुपात अच्छा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाये गये मरीजों के ठीक होने का अनुपात रांची जिले में अच्छा है और आगे भी हम ऐसा ही उम्मीद करते हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी ने बताया कि हिंदपीढ़ी इलाके को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. भौगोलिक स्थिति को देखकर कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है. लॉक डाउन के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. पूरे क्षेत्र में बैरिकेडिंग की गयी है.

14 पेट्रोलिंग पीसीआर कंटेनमेंट जोन में गश्ती कर रही है. अन्य मामलों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया जो वहां की भौगोलिक दृष्टि को ध्यान में रखकर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि 28 ऐसे पायंट्स को चिन्हित किया गया है. जहां से लोग अन्य जिला में प्रवेश कर सकते हैं उन जगहों पर विशेष निगरानी की जा रही है.

लोगों से जिला प्रशासन की अपील 

एसएसपी ने रांची के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने घरों में रहें. लॉक डाउन उल्लंघन में सख्त कार्रवाई की जा रही है. सरकारी पदाधिकारियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत 5 साल तक की सजा हो सकती है. जिला प्रशासन कड़ाई और कठोर कार्रवाई के लिए बाध्य होगी. आम जन अपने विवेक का इस्तेमाल कर इस लॉकडाउन को सफल बनाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें. लोग अनावश्यक रूप से सड़कों पर बिल्कुल न आएं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची ने बताया कि सदर अनुमंडल में 14 और बुंडू में एक माइक्रो कंटेनमेंट जोन है. हिंदपीढ़ी के लोगों की डायरेक्ट कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. साथ ही साथ इनडाइरेक्ट कॉन्टैक्ट में आये लोगों की भी ट्रेसिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि हिंदपीढ़ी का केस केवल एक समुदाय से जुड़ा हुआ नहीं है, बड़ा कंटेनमेंट जोन है हिंदपीढ़ी.

शहर में जो भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाये गये हैं. उस जोन की भी सभी दुकान बंद रहेंगे. सभी लोगों का आना जाना बंद रहेगा. अतिआवश्यक मेडिकल कार्य हेतु अनुमति लेकर ही आवागमन की सुविधा दी जा सकती है. बफर जोन में आवागमन की चेकिंग की जायेगी.

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