Coronavirus in Jharkhand : मास्क नहीं पहना या भीड़ लगायी तो होगी दो साल की जेल, लगेगा एक लाख जुर्माना

कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा लगायी गयी पाबंदियों को नहीं मानने पर जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गयी है

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2020 6:49 AM

रांची : कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा लगायी गयी पाबंदियों को नहीं मानने पर जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गयी है. दंड के प्रावधानों की जरूरतों को देखते हुए इस अध्यादेश के सहारे लागू करने का फैसला किया है. कैबिनेट ने राज्य के नये प्रतीक चिह्न को लागू करने पर भी अपनी सहमति दी.

कैबिनेट ने राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के उल्लंघन के मामले पर विचार किया. साथ ही सरकार द्वारा लगायी गयी पाबंदियों का उल्लंघन करनेवालों को अधिकतम दो साल तक जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का फैसला किया.

दंड का यह प्रावधान झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश जारी होने की तिथि से प्रभावित होगा. इसके तहत भीड़ लगाने, इधर उधर थूकने, मास्क नहीं लगाने और छह फुट की दूरी नहीं रखनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. दंड का यह नियम सरकार द्वारा समय-समय पर लगायी जानेवाली पाबंदियों पर भी प्रभावी होगा.

निर्वाचित प्रतिनिधियों पर कार्रवाई के नियम में संशोधन को सहमति : कैबिनेट ने नगर स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहले से लागू नियम में संशोधन को सहमति दी है. अब स्थानीय निकायों को चुने गये प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार राज्य सरकार को होगा. सरकार कार्रवाई के मामलों में राज्य निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगेगा. निर्धारित समय सीमा में आयोग द्वारा मंतव्य नहीं दिये जाने की स्थिति में यह माना जायेगा कि संबंधित मामले में आयोग को किसी तरह की आपत्ति नहीं है.

15 अगस्त से प्रभावी होगा झारखंड सरकार का नया प्रतीक चिह्न : कैबिनेट ने झारखंड राज्य के नये प्रतीक चिह्न को लागू करने पर सहमति दे दी है. यह 15 अगस्त 2020 से लागू होगा. नये प्रतीक चिह्न में सबसे बाहर झारखंड सरकार लिखा हुआ है. प्रतीक चिह्न में प्रयुक्त हरा रंग झारखंड की हरी भरी धरती को प्रतिबिंबित करता है. प्रतीक चिह्न में बना हाथी का चित्र राज्य के ऐश्वर्य और समृद्धि का प्रतीक है. वहीं, पलाश का फूल के सौंदर्य और चित्रकारी राज्य की सांस्कृतिक विरासत का परिचायक है. गोले के अंदर बना अशोक स्तंभ राष्ट्र के अंदर राज्य की उपबंधित शक्तियों को दर्शाता है. साथ ही देश के विकास में राज्य की भागीदारी को दर्शाता है.

कानून में सख्ती के लिए लाया गया अध्यादेश : हेमंत सोरेन- झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश कैबिनेट से पारित होेने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कानून में इसका प्रावधान है. इसमें सख्ती के लिए अध्यादेश लाया गया है, ताकि लोग इसका पालन करें. सीएम ने कहा कि पुराने प्रतीक चिह्न में झारखंड के मायने प्रतीत नहीं होते थे. उस चिह्न से झारखंड के बारे में जानकारी नहीं मिलती थी. पूर्व की सरकार ने भी इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया.

15 अगस्त को जनता के बीच राज्य का प्रतीक चिह्न जारी किया जायेगा. सीएम ने कहा कि छात्रों को नकद पुरस्कार की शुरुआत हमारी पिछली सरकार में भी की गयी थी. लेकिन बाद की सरकारों ने इसे बंद कर दिया था. हमने इसे दोबारा शुरू कराया है. साथ ही मदरसों के शिक्षकों का रुका हुआ वेतन शुरू कराया जा रहा है.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version