23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Coronavirus Update In Jharkhand : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने दी निजी अस्पतालों को चेतावनी, बोले- बेड घटे तो सरकार निजी अस्पतालों का करेगी टेकओवर

उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता. कुछ जरूरी दवा की कालाबाजारी के कारण किल्लत हुई है. रेमेडिसविर दवा की किल्लत है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से रविवार को ही बात हुई है. उनसे फोन पर बात कर कोरोना के इलाजवाली दवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

Jharkhand News, Ranchi News, Jharkhand coronavirus update रांची : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि कोरोना संक्रमितों को परेशानी हो रही है. अगर जरूरत पड़ेगी, तो सरकार निजी अस्पतालों का टेकओवर करेगी. बताते चलें कि पूर्व में सरकार पारस अस्पताल को अपने अधीन लेकर मरीजों का वहां इलाज करा रही थी. इसी तर्ज पर उन्होंने अन्य निजी अस्पतालों के भी अधिग्रहण की बात कही है. मंत्री ने माना कि बेड की कुछ समस्या है. निजी अस्पतालों को 25% बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन वहां भी बेड फुल हो रहे हैं.

कोरोना के मरीजों को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते :

उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता. कुछ जरूरी दवा की कालाबाजारी के कारण किल्लत हुई है. रेमेडिसविर दवा की किल्लत है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से रविवार को ही बात हुई है. उनसे फोन पर बात कर कोरोना के इलाजवाली दवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.

साथ ही राज्य में चल रहे वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी दी और उपलब्धता की कमी की बात कही. उन्हें बताया कि राज्य में टोसिलिजुमाब और रेमेडिसविर समेत अन्य कोरोना इलाज की दवाओं और इंजेक्शन की कमी है. जिससे मरीजों के इलाज में दिक्कत आ रही है. इस पर डॉ हर्षवर्धन जी ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है.

स्वास्थ्य विभाग भेजे गये दो आइएएस

कोरोना वायरस की रोकथाम और संक्रमण से बचाव कार्यों के लिए दो आइएएस अधिकारियों का स्वास्थ्य विभाग में पदस्थापन किया गया है. ग्रामीण विकास के संयुक्त सचिव आदित्य रंजन और भू-अर्जन, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कर्ण सत्यार्थी को स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है.

दवाओं की मॉनिटरिंग खुद करेंगे स्वास्थ्य सचिव

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कोविड-19 से बचाव के लिए उपयोगी इंजेक्शन और दवाओं की मांग बढ़ी है. इसके मद्देनजर भारत सरकार ने इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिये गये हैं. सचिव ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ लगातार बैठक कर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे. रेमडेसिविर के घरेलू उत्पादकों को स्टॉकिस्टों की जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी.

मंत्री से सवाल-जवाब
Qसैंपल बैकलॉग में रह जाता है, जांच में देरी हो रही है?

इसे दूर करने के लिए देश के अन्य लैब में भी सैंपल भेजने का निर्देश दिया गया है. रविवार को हजारों सैंपल भुवनेश्वर भेजे गये हैं. अब सैंपल लेने के 24 घंटे के अंदर ही रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है.

Qवैक्सीन की कमी की बात रह-रह कर उठ रही है?

केंद्र सरकार से वैक्सीन की मांग लगातार की जा रही है. 10-12 लाख वैक्सीन मिले हैं, जो नाकाफी है. केंद्र सरकार कह रही है कि 11 अप्रैल से वैक्सीन उत्सव मनायें. मैंने तो प्रधानमंत्री को ट्वीट करके कहा है कि प्रधानमंत्री जी मातम का कौन सा उत्सव? देश भर में लोग मर रहे हैं, अस्पताल में बेड की कमी है. वैक्सीन राज्यों को नहीं मिल रहा है, केंद्र से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. मौत और मातम के बीच उत्सव कैसे मनाया जा सकता है?

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें