Jharkhand Coronavirus Update Today, Jharkhand High Court on Corona Situation रांची : राज्य में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हैं, पर सरकार के इंतजाम काफी नहीं हैं. इसे मजाक में नहीं ले सकते हैं. कोरोना की पहली लहर में ही हाइकोर्ट ने सरकार को चेताया था और कहा था कि स्थिति से निबटने के लिए युद्धस्तर पर इंतजाम किये जायें, पर सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया. आज स्थिति यह है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की सीटी स्कैन मशीन खराब हो गयी है.
रिम्स निजी मशीन का सहारा ले रहा है. कई और संसाधन नहीं हैं. ये बातें झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को राज्य में कोरोना से निबटने के लिए किये गये इंतजाम को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहीं. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में मिल रही है. अस्पतालों के बेड भर गये हैं. शव के अंतिम संस्कार के लिए भी कतार लगानी पड़ रही है.
झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों को लाइव डैश बोर्ड जारी करने का निर्देश दिया है. सभी अस्पतालों को डिस्प्ले कर यह बताना होगा कि उनके पास कितने बेड हैं. कितने बेड भरे हैं और कितने खाली हैं. ऑक्सीजन सपोर्टेड बोर्ड की संख्या कितनी है और साधारण बेड कितने हैं. इसी प्रकार अन्य सुविधाओं और उपलब्धता की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी.
इधर, अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक को रिम्स की जीबी की बैठक बुलाकर सभी जरूरी मशीन और संसाधन की तत्काल खरीदारी करने का निर्देश दिया. साथ ही मंगलवार तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी.
सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य निदेशक और रांची सदर अस्पताल के सिविल सर्जन वीडियो कांफ्रेंसिंग से हाजिर हुए. अदालत ने मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव, रिम्स निदेशक, रांची के उपायुक्त, नगर निगम के आयुक्त और सिविल सर्जन को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. यह निर्देश अदालत ने सुनील कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
सरकार की ओर से बताया गया कि अदालत के पिछले आदेश के आलोक में विभागीय मंत्री के पास रिम्स की जीबी की बैठक बुलाने का प्रस्ताव भेजा गया है, पर अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली है. इस पर कोर्ट ने कहा कि दो दिनों में खरीदारी करने का निर्देश दिया गया था. अभी की स्थिति किसी बात को नजरअंदाज करनेवाली नहीं है. स्वास्थ्य सचिव की ओर से अदालत को बताया गया कि झारखंड में 18 मार्च को दूसरी लहर शुरू हुई. अब तक 13933 एक्टिव मरीज हैं. राज्य में रोज 30 हजार टेस्टिंग की जा रही है.
हाइकोर्ट ने रांची के सिविल सर्जन को पांच अप्रैल से अब तक हुई जांच की रिपोर्ट नये शपथ पत्र के माध्यम से मंगलवार को दाखिल करने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन की ओर से पिछले शपथ पत्र में और सोमवार को दाखिल शपथपत्र में जो जानकारी दी गयी थी, उसमें विरोधाभास पाया गया. रिम्स की ओर से दाखिल शपथपत्र में भी सिविल सर्जन के दावे को गलत बताया गया. सिविल सर्जन की ओर से बताया गया था कि सैंपल कलेक्शन के बाद रिम्स और दूसरे संस्थान के पास जांच के लिए भेजा जाता है, लेकिन रिम्स सैंपल लेने से इनकार कर दे रहा है.
इसका रिम्स ने विरोध किया और कहा कि रिम्स जांच के लिए सैंपल की मांग लगातार कर रहा है. इस पर कोर्ट ने सिविल सर्जन को फटकार लगायी और गलतबयानी नहीं करने को कहा. अदालत ने मंगलवार को नया शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि यदि शपथ पत्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी पायी गयी, तो सिविल सर्जन के खिलाफ सख्त आदेश पारित किया जायेगा.
Posted By : Sameer Oraon