सीएम सोरेन का अस्पतालों के सुपरिटेंडेंट को निर्देश, कहा- जिलों से राजधानी आने की अफरा-तफरी न हो, अस्पतालों का सर्किट बनायें
दुमका मेडिकल कॉलेज, एमजीएम सहित दूसरे अस्पतालों का सर्किट बने. आपस में समन्वय कर इलाज हो. कोरोना की दूसरी लहर का झारखंड में भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हर दिन रिकॉर्ड संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं. मरीजों की संख्या के हिसाब से ऑक्सीजन युक्त बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर की संख्या कम पड़ रही है.
Jharkhand Coronavirus Update, Cm Hemant Soren Meeting With Hospital
Superintendent रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि एक आपात स्थिति होती है, दूसरी एक विशेष आपात स्थिति. इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों को समझाने की जरूरत है. राजधानी में इलाज कराने बाहर से लोग आ रहे है. हर कोई राजधानी आने की अफरा-तफरी में है. रिम्स पर लोड बढा है. दूसरे जिलों में भी बेहतर इलाज हो सकता है. सुदूर इलाके में इलाज की व्यवस्था बेहतर करनी है.
दुमका मेडिकल कॉलेज, एमजीएम सहित दूसरे अस्पतालों का सर्किट बने. आपस में समन्वय कर इलाज हो. कोरोना की दूसरी लहर का झारखंड में भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हर दिन रिकॉर्ड संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं. मरीजों की संख्या के हिसाब से ऑक्सीजन युक्त बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर की संख्या कम पड़ रही है.
ऐसे में सीमित संसाधनों के साथ मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सीय सुविधा कैसे उपलब्ध करायी जाये. मुख्यमंत्री श्री सोरेन राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के निदेशक -सुपरिटेंडेंट और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अस्पताल वीक एंड में स्टॉक जांच कराये. ऐसे समय में कुछ लोग बदमाशी करते हैं. चीजों को होल्ड कर मनमाने दामों पर बेचते हैं. ऐसे समय में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए.
ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. साधारण से साधारण दवा की कमी हो जा रही है. रिटेलर ऑर स्टॉकिस्ट वास्तविक स्थिति बतायें. उन्होंने कहा कि राज्य में ऑक्सीमीटर की कमी की बात आ रही है. यह चिंता का विषय है, इससे लोग परेशान होंगे. उन्होंने अस्पताल प्रबंधकों से कहा कि आज ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता , सभी मरीजों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर मिले इसकी व्यवस्था करनी होगी. सभी को वेंटिलेटर और आइसीयू की जरूरत नहीं है, यह भी बताना होगा. उन्होंने कहा कि रेमेडिसिवर को लेकर पूरे देश में मारामारी है. इसको लेकर अफरा-तफरी नहीं होनी चाहिए. सभी को यह दवा लग भी नहीं सकती है. इसे लोगों को बताने की जरूरत है.
बैठक में ये हुए थे शामिल :
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, विनय कुमार चौबे, एनआरएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला, ड्रग्स निदेशक रितू, ऑक्सीजन टास्क फोर्स के जितेंद्र कुमार के अलावा रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, मेदांता, रांची के डॉ मुख्तार, मेडिका के डॉ विजय मिश्रा, राज अस्पताल के डॉ जोगेश गंभीर,
टीएमएच, जमशेदपुर के डॉ राजन चौधरी, अंजुमन इस्लामिया अस्पताल के डॉ सैयद इकबाल हुसैन, एमजीएम, जमशेदपुर के डॉ संजय कुमार, एनएमसीएच, धनबाद के डॉ एके चौधरी, फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज, दुमका के डॉ अरुण कुमार, पलामू मेडिकल कॉलेज के डॉ केएन सिंह, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के डॉ विनोद कुमार और पल्स अस्पताल रांची के प्रतिनिधि शामिल थे.
ड्रग्स निदेशक ने दी जानकारी : केंद्र सरकार से 17 हजार सिलिंडर मांगे गये
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मेडिकल के इस्तेमाल को लेकर ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. लेकिन रिफिलिंग और सिलिंडर की कमी के कारण थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं. इस दिशा में रिफिलिंग सेंटर बढ़ाने और पर्याप्त सिलिंडर की व्यवस्था को लेकर आपूर्ति के निर्देश दे दिये गये हैं.
उन्होंने बताया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सिलिंडरों का क्षमता विस्तार किया जा रहा है. इस दौरान ड्रग्स निदेशक ने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्र सरकार को 17 हजार अतिरिक्त सिलिंडर की आवश्यकता से अवगत करा दिया गया है.
दिलाया भरोसा
अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनाये रखने के लिए समुचित कदम सरकार उठा रही. सिलेंडरों की किल्लत दूर करने के साथ रिफिलिंग को लेकर कदम उठाये जा रहे हैं.
सीमित संसाधनों के बीच बेहतर प्रबंधन से मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कर रही प्रयास
स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने की पहल होगी. अन्य जिलों से भी मरीज रांची आ रहे हैं. ऐसे में यहां मरीजों का दबाव बढ़ गया है. इस वजह से जिलों का सर्किट बनाकर वहां स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है.
चिकित्सकों के सुझाव
हर जगह आइसोलेशन सेंटर बनाने की है जरूरत
निजी अस्पतालों ने सरकार से क्रिटिकल केयर बेड बढ़ाने की दिशा में सरकार से सहयोग मांगा
ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार तेजी से कदम उठाये
रांची में छोटे-छोटे अस्पतालों को पूरी तरह कोविड अस्पताल बनायें
सभी जिलों में 50-50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की हुई व्यवस्था
रांची. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य के सभी जिलों में 50-50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गयी है. सिर्फ 15 दिनों में ही राज्य में 1824 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गयी है. राज्य में कुछ दिनों पहले तक 7201 सामान्य बेड थे. अभी इनकी संख्या 12,012 हो गयी है. इसी तरह ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 1459 थी जिसे बढ़ाकर 5947 किया गया है. आइसीयू बेड की संख्या पहले 481 थी . अब इनकी संख्या बढ़ा कर 3272 की गयी है. वेंटिलेटर की संख्या 502 से बढ़ाकर 634 किया गया है.
रांची में भी बढ़ी बेड की संख्या
रांची में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 486 से बढ़ाकर 1362 कर दी गयी है. आइसीयू बेड की संख्या 211 से बढ़ाकर 395 की गयी है. वेंटिलेटर की संख्या पहले 120 थी. अब इनकी संख्या 169 की गयी है. पूर्वी सिंहभूम में कोविड मरीजों के लिए 263 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गयी है. बोकारो में 174, हजारीबाग में 90 और सिमडेगा में 200 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड लगाये गये हैं. 24 अप्रैल तक बेड की संख्या और भी बढ़ा दी जायेगी. इससे लोगों को सहूलियत होगी.
Posted By : Sameer Oraon