झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन समेत 10 आइएएस कोरोना संक्रमित, सचिवालय हुआ सूना
झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा, राज्यपाल के प्रधान सचिव शैलेश सिंह, ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार, पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव प्रशांत कुमार, खनन सचिव के श्रीनिवासन, रांची के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर लोकेश मिश्र व वित्त विभाग की संयुक्त सचिव मेघा भारद्वाज भी संक्रमण की चपेट में हैं. यह सभी आइएएस अधिकारी भी होम आइसोलेशन में ही हैं.
Jharkhand Corona Update, Jharkhand IAS Corona Positive रांची : झारखंड में कोरोना वायरस तेजी से हर वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. राज्य सरकार के कई वरीय अधिकारी भी संक्रमित हो गये हैं. स्वास्थ्य सचिव कमल किशोर सोन और उनकी पत्नी आराधना पटनायक (ग्रामीण विकास सचिव) संक्रमण के बाद होम आइसोलेशन में चले गये हैं.
झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा, राज्यपाल के प्रधान सचिव शैलेश सिंह, ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार, पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव प्रशांत कुमार, खनन सचिव के श्रीनिवासन, रांची के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर लोकेश मिश्र व वित्त विभाग की संयुक्त सचिव मेघा भारद्वाज भी संक्रमण की चपेट में हैं. यह सभी आइएएस अधिकारी भी होम आइसोलेशन में ही हैं.
अरुण कुमार सिंह को स्वास्थ्य सचिव का प्रभार: विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह को स्वास्थ्य विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. श्री सिंह अगले आदेश तक अपने कार्यों की अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव का काम भी देखेंगे. स्वास्थ्य सचिव कमल किशोर सोन कोरोना संक्रमित होने की वजह से होम आइसोलेशन पर हैं. कार्मिक विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है.
थम गया है फाइलों का मूवमेंट:
अधिकारियों के संक्रमित होने का असर सचिवालय पर भी नजर आ रहा है. पूरा सचिवालय सूना-सूना है. ज्यादातर विभागों में अधिकारी और कर्मचारियों के टेबल खाली हैं. फाइलों का मूवमेंट थम गया है. इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है. फिलहाल, कोविड-19 संक्रमण को रोकने में ही पूरी सरकारी मशीनरी लगी हुई है. शेष कार्य कछुए की रफ्तार से हो रहे हैं. टेंडर से संबंधित कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गया है.
सचिवालय कर्मियों का सामूहिक अवकाश जारी :
कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सचिवालय कर्मी सामूहिक अवकाश पर चले गये हैं. 20 अप्रैल को लगातार दूसरे दिन बड़ी संख्या में कर्मचारी अवकाश पर रहे. हालांकि, विभाग द्वारा बुलाये जाने पर कर्मचारी कार्यालय जा रहे हैं. लेकिन, उनकी संख्या कम है. सचिवालय कर्मचारियों के नहीं रहने के कारण ज्यादातर विभागों में टेबल खाली पड़े हुए हैं.