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रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले की जांच में भेदभाव पर झारखंड हाइकोर्ट नाराज, कहा- ग्रामीण एसपी क्यों नहीं बनाये गये आरोपी

मौखिक रूप से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि चेहरा देखकर जांच की जा रही है, आरोपी बनाये जा रहे हैं. कुछ को थाना से छोड़ दिया जा रहा है. किसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जा रहा है. खंडपीठ ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायी जा सकती है. खंडपीठ ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद महाधिवक्ता से जानना चाहा कि मामले में ग्रामीण एसपी का नाम सामने आया है, वैसी स्थिति में उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. विभागीय कार्रवाई की बात क्यों हो रही है.

Ranchi News, Remdesivir Black Marketing Case Investigation Jharkhand रांची : मौखिक रूप से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि चेहरा देखकर जांच की जा रही है, आरोपी बनाये जा रहे हैं. कुछ को थाना से छोड़ दिया जा रहा है. किसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जा रहा है. खंडपीठ ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायी जा सकती है. खंडपीठ ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद महाधिवक्ता से जानना चाहा कि मामले में ग्रामीण एसपी का नाम सामने आया है, वैसी स्थिति में उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. विभागीय कार्रवाई की बात क्यों हो रही है.

इस मामले में कंडक्ट सही नहीं है. सरकार को इसका जवाब देने को कहा. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 20 मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले की सीआइडी जांच में भेदभाव बरती जा रही है. चेहरा देखकर जांच की जा रही है. गिरफ्तार किया जा रहा है. मामले में ग्रामीण एसपी का नाम सामने आया है, सिर्फ विभागीय कार्रवाई कर छोड़ दिया जा रहा है.

केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि झारखंड को आवंटित रेमडेसिविर की आपूर्ति नियमित हो रही है. नौ मई तक 46,900 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन झारखंड को मिलना था. केंद्र सरकार की ओर से समय से पहले सात मई तक 54,400 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कर दी गयी है.

17 मई तक और 32000 वायल इंजेक्शन झारखंड को मिल जायेगा. राज्य सरकार की ओर से रेमडेसिविर मामले की जांच की अद्यतन रिपोर्ट हाइकोर्ट को सौंपी गयी. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

केंद्र ने हाइकोर्ट को बताया

  • निधार्रित समय से दो दिन पहले सात मई तक झारखंड को 54,400 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की गयी

  • 17 मई तक और 32000 वायल इंजेक्शन की आपूर्ति होगी

  • मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी

  • मामला कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने का

Posted By : Sameer Oraon

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