Jharkhand News, Ranchi News रांची : पूरा देश कोरोना संक्रमण की मार झेल रहा है. ऐसे समय में जब लोगों को परिवार चलाने के लिए सहयोग की जरूरत है राज्य में 131 व्यावसायिक प्रशिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. प्रशिक्षकों ने जानकारी दी है कि उन्हें झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) के पदाधिकारी स्वप्निल कुजूर और क्वेस कॉर्प लिमिटेड की प्रोजेक्ट मैनेजर दीपिका लकड़ा के साथ गूगल मिट में सभी प्रशिक्षकों को एक साथ जानकारी दी गयी है कि 30 अप्रैल के बाद कार्यरत नहीं माने जाएंगे.
अब अचानक हुए इस फैसले से प्रशिक्षक हैरान हैं. राज्य के उच्च और प्लस टू स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षक संक्रमण के इस दौर में कैसे परिवार चलायेंगे इसका संकट है.
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान(RMSA) के परियोजना के तहत झारखंड के उच्च एवं +2 विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा का संचालन किया जा रहा है. व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने थर्ड पार्टी कंपनी क्वेस कॉर्प लिमिटेड के साथ समझौता किया. कंपनी की ओर से पिछले पांच सालों में समय – समय पर नियुक्ति की. फिलहाल 131 व्यावसायिक प्रशिक्षक इस कंपनी के अधिक विभिन्न स्कूलों में सेवा दे रहे हैं.
जेईपीसी द्वारा कंपनी को नये करार के तहत 131 व्यवसायिक प्रशिक्षक के वेतन का 15 % राशि जेईपीसी के पास जमा करने का आदेश दिया गया. इस पर कंपनी ने जेईपीसी से पूछा कि 3 महीने के वेतन बिल का भुगतान करने की पूरी प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा. प्रशिक्षकों का कहना है कि कंपनी के इस सवाल का जेईपीसी ठीक से जवाब नहीं दे सकी. इस वजह से क्वेस कॉर्प लिमिटेड जेईपीसी से करार छोड़ना चाह रही है. अब इस फैसले से 131 प्रशिक्षक बेरोजगार होने की कगार पर हैं.
Posted By : Sameer Oraon