कोरोना से ठीक होने के बाद मस्तिष्क पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर शोध करेगा रिम्स, शोध विषय पर अनुमति मिलने के बाद डब्ल्यूएचओ फंड करेगा अवंटित
ब्ल्यूएचओ ने शोध कार्य के लिए विश्व के कई बड़े देशों के साथ नौ जून को बैठक की थी, जिसमें अधिकांश देश पोस्ट कोविड के बाद ब्रेन पर होने वाले दुष्प्रभाव पर शोध करने के लिए राजी हो गये. बैठक में रिम्स से निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, अमेरिका से किरण टी ठाकुर, इटली से बेनेडिक्ट माइकल, इटली से पेडोवानी एलिसेंड्रो, यूके से टॉम सॉलमॉन, जर्मनी से विंक्लर एंड्रिया, रूस से एमएस एबी घेट व स्पेन से डैविड गार्सिया एजोरीन आदि शामिल थे.
RIMS Research On Post Covid Effect On Brain रांची : कोरोना से ठीक होने के बाद मस्तिष्क पर पड़ रहे दुष्प्रभाव पर विश्वस्तरीय शोध के लिए डब्ल्यूएचओ की ब्रेन हेल्थ यूनिट आगे आयी है. डब्ल्यूएचओ विश्व के मस्तिष्क विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस पर शोध की तैयारी में जुट गया है. शोध कार्य में झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को भी शामिल किया गया है.
ब्ल्यूएचओ ने शोध कार्य के लिए विश्व के कई बड़े देशों के साथ नौ जून को बैठक की थी, जिसमें अधिकांश देश पोस्ट कोविड के बाद ब्रेन पर होने वाले दुष्प्रभाव पर शोध करने के लिए राजी हो गये. बैठक में रिम्स से निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, अमेरिका से किरण टी ठाकुर, इटली से बेनेडिक्ट माइकल, इटली से पेडोवानी एलिसेंड्रो, यूके से टॉम सॉलमॉन, जर्मनी से विंक्लर एंड्रिया, रूस से एमएस एबी घेट व स्पेन से डैविड गार्सिया एजोरीन आदि शामिल थे.
डब्ल्यूएचओ ने रिम्स सहित विश्व के अन्य देशों को ‘पोस्ट कोविड लौंग टर्म इफेक्ट ऑफ ब्रेन’ विषय पर शोध करने का प्रस्ताव भेजने को कहा है. शोध विषय पर अनुमति मिलने के बाद डब्ल्यूएचओ इसके लिए फंड आवंटित करेगा. रिम्स के न्यूरोलॉजी विंग के अलावा पीएसएम, न्यूराेलॉजी, साइकेट्री व क्रिटिकल केयर को जोड़ा जायेगा. वहीं रिम्स को देश के अन्य मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट को शोध कार्य से जोड़ने का जिम्मा दिया है.
Posted By : Sameer Oraon