Coronavirus Update Ranchi : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने डॉक्टरों को चेताया, बोले- रेमडेसिवीर इंजेक्शन सहित जरूरी चीजें हर हाल में मिलनी चाहिए
इस दौरान उन्होंने पीपीइ किट पहनकर कोविड वार्ड में बारी-बारी से मरीजों के पास जाकर उनका हाल जाना और उनका हौसला बढ़ाया. मौके पर मौजूद उपायुक्त छवि रंजन, सिविल सर्जन और ड्यूटी डॉक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर इंजेक्शन सहित जरूरी चीजों की कमी नहीं होने दी जाये.
Jharkhand Coronavirus Update, Covid Ward Sadar Hospital Ranchi रांची : राजधानी के अस्पतालों से लगातार मिल रही अव्यवस्था की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता खुद ही मोर्चा संभाल लिया. मंगलवार दोपहर 12 बजे बिना किसी को जानकारी दिये वह सदर अस्पताल पहुंच गये.
इस दौरान उन्होंने पीपीइ किट पहनकर कोविड वार्ड में बारी-बारी से मरीजों के पास जाकर उनका हाल जाना और उनका हौसला बढ़ाया. मौके पर मौजूद उपायुक्त छवि रंजन, सिविल सर्जन और ड्यूटी डॉक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर इंजेक्शन सहित जरूरी चीजों की कमी नहीं होने दी जाये.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अन्य अस्पतालों को भी रिजर्व करें. जांच का भी दायरा बढ़ाने के साथ कोरोना के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया करायें. इसके लिए जरूरत के हिसाब से अन्य डॉक्टरों की तैनाती करें, जो सुविधा चाहिए, आप डिमांड करें, उसे पूरा किया जायेगा.
निरीक्षण के बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि सभी प्रकार की कमियों को तत्काल दूर किया जायेगा. मरीजों को हर हाल में उच्च स्तर की सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. इस दौरान में स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों को मिलनेवाला खाना भी खाया.
बेड की कमी को दूर करेंगे :
निरीक्षण के दौरान, उन्होंने मरीजों के इलाज को अपर्याप्त बताते हुए यहां ड्यूटी डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने को कहा. वार्ड के अंदर जांच में उन्होंने देखा कि काफी संख्या में बेड पर पैरवी-पहुंच के बल पर वैसे संक्रमित भर्ती कर लिए गये हैं, जो महज ए- सिम्पटेमैटिक हैं.
उन्होंने सभी डॉक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे मरीज को होम ट्रीटमेंट की निगरानी में बेड खाली कराकर बेड गंभीर मरीजों को दी जाये. इस दौरान उन्होंने अस्पताल को मिलनेवाले आक्सीजन सिलिंडर की संख्या को बढ़ाने की बात कही.
निरीक्षण के दौरान दिये निर्देश
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जरूरत के हिसाब से अन्य डॉक्टरों की तैनाती करें
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अस्पतालों में ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर इंजेक्शन सहित जरूरी चीजों की कमी नहीं होने दी जाये
मरीजों ने सुनायी पीड़ा
तीन दिन में एक बार डॉक्टर आकर देखे हैं :
सदर अस्पताल के कोविड वार्ड में फिलहाल रिम्स के बाद सबसे अधिक मरीज भर्ती हैं. ड्यूटी पर 100 से ज्यादा स्टाफ हैं. शिफ्ट के कारण सभी मरीजों को डॉक्टर नियमित टाइम नहीं दे पा रहे हैं. मंगलवार को उपायुक्त ने निचले अस्पतालों से 12 अतिरिक्त डॉक्टरों संक्रमितों के इलाज में लगाने की बात कही.
सदर अस्पताल के कोविड वार्ड में तीसरे तल्ले पर भर्ती अंशुल अभिजीत के परिजनों ने बताया कि वे तीन दिन से भर्ती हैं, सिर्फ एक दिन डॉक्टर ने खुद आकर देखा है. अभी तक मामूली ब्लड टेस्ट भी नहीं किये गये हैं. संक्रमण बढ़ रहा है, रेमडेसिवीर का इंजेक्शन भी नहीं है. बाकी समय हेल्थ वर्कर्स से पूछ-पूछ कर दवा की जानकारी ले रही हूं.
एनेस्थेटिस्ट की कमी के कारण सभी वेंटिलेटर का नहीं हो रहा इस्तेमाल :
कोरोना संक्रमण के पहले चरण में ही सदर अस्पताल में 60 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गयी थी, वहीं मरीजों के लिए अन्य जिलों से जहां बीमारी का प्रकोप कम है वहां से वेंटिलेटर मंगाये जा रहे हैं.
लेकिन अब एनेस्थेटिस्ट की ज्यादा संख्या में प्रतिनियुक्ति नहीं होने की वजह से मरीजों को वेंटिलेटर का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सिविल सर्जन ने पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग से कुछ डॉक्टरों की मांग की थी. हर कोविड वार्ड में चिकित्सकों की डेडीकेटेड टीम तैनात करने के भी निर्देशों पर चर्चा की गयी.
कोविड गाइडलाइन का पालन करायें, लेकिन दुर्व्यवहार न करें :
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल परिसर में मास्क पहनने, फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन करने और सैनिटाइज करने के लिए लोगों को प्रेरित करें, लेकिन उनके साथ कोई दुर्व्यवहार न किया जाये. कंटेक्ट ट्रेसिंग का भी दायरा बढ़ाया जाए.
उन्होंने कहा कि बचाव और इलाज के लिए जो भी संभव हो, सभी तरह के प्रयास करें. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. मंत्री ने अस्पताल प्रबंधन को मृत कोरोना मरीज का शव तीन घंटे के अंदर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परिजनों को सूचित कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
Posted By : Sameer Oraon