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Coronavirus Vaccine : पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को दी जाएगी वैक्सीन, जानिये किनको मिलेगी तवज्जो

Coronavirus Vaccine : पूरे देश में प्रथम चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की योजना है. सबसे पहले एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दी जायेगी. फिर दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन मिलेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2020 7:26 AM

Coronavirus Vaccine : पूरे देश में प्रथम चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की योजना है. सबसे पहले एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दी जायेगी. फिर दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन मिलेगी. इसके बाद 27 करोड़ वैसे लोगों को वैक्सीन दी जायेगी, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है और वे हार्ट, बीपी आदि गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. वैक्सीन देने के काम में एएनएम को लगाया जायेगा, जिनकी संख्या 1.54 लाख है. एएनएम ही इस अभियान को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभायेंगी. ये कहना है रिम्स के निदेशक पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद का. वह प्रभात खबर से विशेष बातचीत कर रहे थे.

तैयार हो रहा कोविन एेप : उन्होंने बताया कि पहला फेज संपन्न हो जायेगा, तो दूसरे फेज की तैयारी की जायेगी. देश के अन्य लोगों की बारी दूसरे फेज मेें ही आयेगी. कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्सीन देने की बात है. पहला डोज तो लोग ले लेंगे, लेकिन दूसरा डोज देना चुनौती भरा होगा. इसकी निगरानी के लिए ‘कोविन एेप’ तैयार किया जा रहा है. यह ऐप पता कर लेगा कि पहला डोज किसे दिया गया है और दूसरा डोज कब देना है. यह सारी मॉनिटरिंग इस ऐप से होगी.

तैयार हो रहा को-वैक्सीन, कई अन्य पाइपलाइन में: भारत में कौन-कौन वैक्सीन उपलब्ध होगा, इस पर डॉ कामेश्वर ने कहा कि आइसीएमआर व भारत बायोटेक के सहयोग से को-वैक्सीन तैयार की जा रही है. इस वैक्सीन पर शोध काफी हद तक आगे बढ़ गया है. जाइडस कैडूला और जाइकोविड वैक्सीन की भी जांच चल रही है. रूस में बनी स्पूतनिक वैक्सीन का हैदराबाद के रेड्डी लेबोरेट्री में परीक्षण चल रहा है. कई अन्य वैक्सीन भी पाइपलाइन में हैं, लेकिन सबसे आगे फाइजर व ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन है. देश-विदेश की कई और कंपनियां अपनी वैक्सीन के अंतिम चरण में होने का दावा कर रही हैं.

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वैक्सीन निर्माण में भारत बन सकता है विश्व गुरु: डॉ कामेश्वर ने कहा कि वैक्सीन बनाने में भारत विश्व गुरु बन सकता है, क्योंकि हमारे पास ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन बनाने की क्षमता है. सीरम इंस्टीट्यूट प्रति वर्ष 80 करोड़ डोज बना सकता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 1.6 बिलियन डोज भारत अकेले वैक्सीन बनाने में सक्षम होगा. विश्व गुरु की बात इसलिए कही जा रही है, क्योंकि छोटे व आर्थिक रूप से कमजोर कई देशों को हम वैक्सीन सप्लाई कर सकते हैं.

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Story by: Rajeev Kumar, Posted by : Pritish Sahay

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