झारखंड में भ्रष्टाचार : पीएम आवास योजना में बिना चढ़ावा के नहीं होता है किस्त का भुगतान

पीएम आवास योजना में गड़बड़ी, रांची नगर निगम में यह योजना कमाई का बना जरिया

By Prabhat Khabar News Desk | November 9, 2020 4:17 AM

रांची : शहरी गरीबों व बेघरों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत ऐसे लोग जिनके पास अपनी जमीन है, लेकिन पक्का मकान बनाने का पैसा नहीं है. ऐसे लोगों को आवास निर्माण करने के लिए 2.25 लाख की राशि चार किस्तों में दी जाती है. रांची नगर निगम में यह योजना कमाई का जरिया बन गयी है.

आवास निर्माण करनेवाले एक-एक लाभुकों से 15 से 25 हजार तक की राशि घूस के रूप में वसूली जाती है. जो लाभुक घूस नहीं देते हैं, उनके पैसे राेक दिये जाते हैं. छह माह से लेकर एक साल तक जब लाभुक को पेमेंट नहीं मिलता हैै. अंत में वह दलालों और निगम कर्मचारियों से संपर्क करता है.

यह है आवास निर्माण की पूरी प्रक्रिया:

आवास निर्माण के तहत पहली किस्त लाभुक को तब दी जाती है, जब वह नींव की खुदाई कर लेता है. उसे पहले किस्त के रूप में 45 हजार रुपये की राशि मिजती है. लिन्टर्न करने के बाद 67 हजार रुपये की दूसरी किस्त दी जाती है. ढलाई होने के बाद उसे तीसरी किस्त 90 हजार की दी जाती है.

जब वह पूरा घर कंप्लीट कर लेता है, तो उसे 23 हजार की राशि दी जाती है. यहां एक बात का ध्यान रखें कि पहले किस्त से चौथा किस्त मिलने तक हर बार निगम कर्मचारी लाभुकों के घर की फोटो खींचते हैं. फोटो अपलोड होने के बाद ही आगे की किस्त की राशि मिलती है. बस यहीं से खेल शुरू होता है.

हर बार फोटो खींचने के नाम पर पांच से 10 हजार की राशि वसूली जाती है. जो व्यक्ति निगम के कर्मी को राशि नहीं देता है, उसके घर की फोटो खींचने वह जाता ही नहीं है. ऐसे कर्मचारियों की शिकायत अधिकारियों से करने पर कभी किसी कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं होती है, क्योंकि फोटो खींचनेवाला ही ऊपर तक बाबूओं तक माल पहुंचाने का काम करता है. आवास निर्माण की इस योजना में पार्षदों का भी हिस्सा बंधा रहता है. जिस घर से उन्हें कमीशन नहीं मिलता है, ऐसे घरों के पेमेंट को रोकने के लिए पार्षद निगम तक पहुंचते हैं.

कोई भी पैसा मांगे, तो मुझे दें सूचना

प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत पर 25 दिनों पहले ही मैंने समीक्षा बैठक की थी. इसमें मैंने सिटी मैनेजर विजेंद्र कुमार को सख्त हिदायत दी थी कि आवास निर्माण के लाभुक परेशान हैं. उनको समय पर पैसा नहीं मिल रहा है, लेकिन उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया. मैं नगर आयुक्त से मांग करता हूं कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाये, साथ ही इसमें जो भी दोषी हैं, उन पर कार्रवाई की जाये. लोगों से अपील है कि अगर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर कोई भी व्यक्ति चाहे वह निगम का अधिकारी हो या कर्मचारी अगर पैसे की डिमांड करता है, तो इसकी सूचना मेरे मोबाइल नंबर 9431115825 नंबर पर दे सकते हैं.

posted by : sameer oraon

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