रांची : सदर अस्पताल के औषधि निरीक्षक कार्यालय से संदेहास्पद दवा (कफ सीरप) का सैंपल गायब होने का मामला गहरता जा रहा है. जांच के दायरे में ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय भी आ गयी हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिये हैं. साथ ही एक सप्ताह में पूरे मामले की जांच कर आठ बिंदुओं पर सिलसिलेवार रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है.
पत्र में कहा गया है कि औषधि निरीक्षक-2 पुतली बिलुंग ने रांची के पंडरा स्थित फार्मा कंपनी मेसर्स विश्वनाथ फार्मास्युटिकल का चार बार निरीक्षण किया. इस क्रम में उन्होंने दवा का सैंपल और रिपोर्ट तैयार कर ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय को सौंपा़ रिपोर्ट में बताया गया कि रांची की फार्मा कंपनी मेसर्स विश्वनाथ फार्मास्युटिकल ने स्माइलेक्श कंपनी से फेनसीरेस्ट की कफ सीरप (100 एमएल) की 5,46,048 बाेतलें खरीदी हैं.
फार्मा कंपनी ने इस संदेहास्पद दवा को उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित विंध्यवासिनी फार्मास्युटिकल और लखनऊ स्थित मेसर्स मेडा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर को बेचा है. बड़ी मात्रा में इस दवा की खरीद-बिक्री और भंडारण पर औषधि निरीक्षक ने आशंका जतायी कि इस दवा का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जा रहा है.
उन्होंने ड्रग कंट्रोलर को रिपोर्ट सौंपते हुए नारकोटिक्स ब्यूरो अथवा सक्षम एजेंसी से सहयोग से मामले की जांच कराने का आग्रह किया. लेकिन, ड्रग कंट्रोलर ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इधर, सदर अस्पताल में रखा दवा का सैंपल भी गायब हो गया. बाद में इस मामले में औषधि निरीक्षक की ओर से चोरी की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
सदर अस्पताल के औषधि नियंत्रण कार्यालय से सैंपल का गायब होना शंका पैदा करता है. क्योंकि संदिग्ध दवा का निरीक्षण और सैंपल संग्रहित किया गया था. नारकोटिक्स ब्यूरो अथवा सक्षम एजेंसी से सहयोग लेने की बात होने और सैंपल के गायब होने से मामला और संदिग्ध लगता है. ड्रग कंट्रोलर की भूमिका पर भी सवाल उठता है. ऐसे में विभागीय जांच के लिए विभागीय कमेटी गठित करने को कहा गया है.
बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री
Posted By : Sameer Oraon