रांची/ संयुक्त राष्ट्र / जिनेवा: डब्ल्यूएचओ ने हरियाणा स्थित एक भारतीय दवा कंपनी मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाये गये सर्दी व खांसी के चार सिरप के खिलाफ अलर्ट जारी किया है. संगठन ने पश्चिम अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत के लिए कंपनी में बनाये गये कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया है. अलर्ट के बाद भारत के औषधि नियामक निकाय (डीसीजीआइ) ने जांच शुरू करने के साथ ही डब्ल्यूएचओ से इस बारे में और ब्योरा मांगा है.
इधर इस अलर्ट के बाद राज्य औषधि निदेशालय ने झारखंड में भी इसके उपयोग की जांच का आदेश दिया है. औषधि निदेशालय ने सभी औषधि निरीक्षकों से कहा है कि जिन दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, वे सामान्य कफ सीरप हैं. ये छोटी-छोटी दवा दुकानों में भी उपलब्ध रहते हैं. ऐसे में राज्य में चारों कफ सीरप की उपलब्धता की जांच करें. अगर दवा दुकानों में यह कफ सीरप मिलता है, तो उसे जब्त करें. विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ सुजीत कुमार कुमार ने दवा की उपलब्धता की जांच कर तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है.
मामले में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा कि कंपनी की ओर से उत्पादित चार तरह के कफ सीरप के नमूनों को कोलकाता स्थिति केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) में भेजा गया है. ये नमूने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) और हरियाणा के फूड एवं ड्रग्स एडमिनेस्ट्रेशन विभाग ने एकत्र किया है. विज ने कहा कि जो भी कदम उठाना होगा, उसे सीडीएल की रिपोर्ट के बाद उठाया जायेगा.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी डब्ल्यूएचओ द्वारा आगाह किये जाने के बाद सीडीएससीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है. परीक्षण किये गये 23 नमूनों में से चार में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के अंश मौजूद थे.
इन सिरप्स को लेकर अलर्ट
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प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन
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कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप
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मेकॉफ बेबी कफ सिरप
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मैग्रिप एन कोल्ड सिरप
कफ सिरप से किडनी में हो जाते हैं भारी जख्म
घातक और जहरीले हैं सिरप में प्रयुक्त रसायन
इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया है, वे जहरीले होते हैं.
डायथाइलीन ग्लाइकॉल ऐसा कार्बन कंपाउंड हैं, जिनमें न खुशबू होती है, न ही रंग. ये मीठा होता है, ताकि बच्चे इसे आसानी से पी सके.
डायथाइलीन ग्लाइकॉल व एथिलीन ग्लाइकॉल का दवाओं में इस्तेमाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया व यूरोप में प्रतिबंधित है. भारत में भी इनकी वजह से 33 की मौत हो चुकी है.
मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत मे कहीं भी इन कफ सिरप को नहीं बेचा गया है. कंपनी के पास इन प्रोडक्ट के सिर्फ निर्यात का अधिकार है.