Loading election data...

कोर्ट फीस बढ़ोतरी में सुधार के लिए झारखंड सरकार बनायेगी कमेटी, बार काउंसिल ने लगाया गंभीर आरोप

कोर्ट फीस की बढ़ोतरी में सुधार को लेकर झारखंड सरकार तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करेगी. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को हाइकोर्ट को यह जानकारी दी. तो वहीं बार काउंसिल का इस मामले पर कहना है कि कमेटी बनाकर सरकार मामले को उलझाने का काम कर रही है.

By Sameer Oraon | September 27, 2022 6:48 AM

रांची: कोर्ट फीस की बढ़ोतरी में सुधार को लेकर झारखंड सरकार तीन सदस्यीय कमेटी बनायेगी. इसकी प्रक्रिया चल रही है. कमेटी जो रिपोर्ट तैयारी करेगी, उसे कैबिनेट में भेजा जायेगा. कैबिनेट उस पर विचार कर निर्णय लेगी. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को हाइकोर्ट को यह जानकारी दी. इस पर चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को इस आशय का शपथ पत्र 28 सितंबर को दाखिल करने का निर्देश दिया.

सुनवाई के दौरान बार काउंसिल की ओर से सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया गया. काउंसिल के अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण व एमिकस क्यूरी वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने कहा कि तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का प्रस्ताव लाकर सरकार इस मामले को उलझाने का प्रयास कर रही है, क्योंकि कमेटी का गठन और रिपोर्ट को कैबिनेट भेजने की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है. इसलिए, सरकार को लंबा समय देना उचित नहीं होगा.

अदालत को बताया गया कि सरकार की ओर से अब तक इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया गया है. हर बार सरकार समय ले रही है. पिछली बार सरकार ने 15 दिनों का समय लिया था. बार काउंसिल ने सरकार के कोर्ट फी संशोधन एक्ट को निरस्त करने के लिए जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सरकार ने पूरी प्रक्रिया का पालन किये बिना एक्ट में संशोधन किया है. इसके लिए बार काउंसिल से मंतव्य भी नहीं लिया गया है. एक्ट में संशोधन करने से कोर्ट फी काफी महंगी हो गयी है. आमलोगों के लिए न्याय काफी महंगा हो जायेगा.

एइ नियुक्ति मामले में 19 अक्तूबर को सुनवाई

सहायक अभियंता (एइ) नियुक्ति के प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिये जाने के खिलाफ दायर अपील याचिका की सुनवाई सोमवार को चीफ जस्टिस डाॅ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में हुई. सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से समय दिये जाने की मांग की गयी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. मामले में अगली सुनवाई 19 अक्तूबर को होगी.

इस संबंध में भास्कर ने हाइकोर्ट में अपील याचिका दायर कर कहा है कि जेपीएससी की ओर से सहायक अभियंता नियुक्ति की जा रही है. जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा परिणाम में आरक्षण का लाभ दिया है. कई ऐसे आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य श्रेणी में आ गये हैं. इससे प्रतीत होता है कि आरक्षण दिया गया है. जबकि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की नीति सरकार के पास नहीं है. इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त किया जाये.

अमन श्रीवास्तव के भाई को मिली जमानत

गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव के भाई अभिक श्रीवास्तव को हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने अभिक श्रीवास्तव को 10-10 हजार के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है. अभिक ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर जमानत प्रदान करने की गुहार लगायी थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता कुमार हर्ष ने बताया कि एटीएस पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट में यह कहीं नहीं कहा गया है कि राज्य में आतंकवादी घटना हुई है, जिसमें ये शामिल हैं. इसमें यूएपीए एक्ट की धारा 16-17 लागू नहीं होती है. इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version