निर्दोषों का उत्पीड़न रोकने के लिए मामले को गहराई से देखे अदालत

क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए हाइकोर्ट ने कहा

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2024 12:22 AM

रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने एक क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए कहा है कि निर्दोषों के उत्पीड़न को रोकने के लिए अदालत की यह जिम्मेदारी है कि वह मामले को गहराई से देखे. हाइकोर्ट आम तौर पर यह तय करने में सतर्क रहता है कि कोई मामला उचित है या नहीं, लेकिन दुर्भावनापूर्ण अभियोजन को रोकना भी उसका कर्तव्य है. कहा कि यदि दुर्भावनापूर्ण अभियोजन किया जाता है और यदि हाइकोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है, तो यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा, क्योंकि हाइकोर्ट की जिम्मेदारी है कि वह मामले को समझे, ताकि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाये और उसे मुकदमे का सामना नहीं करना पड़े. कोर्ट ने एसटी-एससी क्षेत्राधिकार के तहत मामले के संबंध में प्रार्थी के खिलाफ संज्ञान लेने के आदेश और आरोप पत्र सहित पूरी आपराधिक कार्यवाही को निरस्त कर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version