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Covid19: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने की समीक्षा बैठक, कहा- लॉकडाउन के बाद की स्थिति से निबटने की करें तैयारी

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राज्य में कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण के लिए राष्ट्रपति से अनुरोध करेंगी. राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोरोनावायरस से लड़ने के लिए राज्य की आवश्यकताओं से अवगत करने को कहा था. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में 80 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं. प्रारंभ में यह झारखंड में नहीं आया, लेकिन वर्तमान में चार संक्रमण के मामले आ चुके हैं, जिनमें तीन महिलाएं हैं.

By AmleshNandan Sinha | April 6, 2020 5:40 PM
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रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राज्य में कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण के लिए राष्ट्रपति से अनुरोध करेंगी. राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोरोनावायरस से लड़ने के लिए राज्य की आवश्यकताओं से अवगत करने को कहा था. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में 80 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं. प्रारंभ में यह झारखंड में नहीं आया, लेकिन वर्तमान में चार संक्रमण के मामले आ चुके हैं, जिनमें तीन महिलाएं हैं. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद राज्य के बाहर फंसे लोग जब आयेंगे उसके लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत है. स्वयंसेवी संस्थाओं और अन्य लोगों को शामिल कर इस आपदा से लड़ा जा सकता है. लोग अगर सोशल डिस्टेंसिंग का स्वंय कड़ाई से पालन करें तो कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव नहीं होगा.

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राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में आयोजित समीक्षा बैठक में बोल रही थीं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को जानकारी दी कि केंद्र सरकार की ओर से पांच हजार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई), थर्मो स्कैनर 100, एन 95 मास्क 25 हजार प्राप्त हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर राज्य के हालात से राज्यपाल को अवगत करा रही है. यह हमारा दायित्व है. सभी राज्यों की अपनी-अपनी आंतरिक व्यवस्था होती है. हम राज्य में जब संक्रमण का पहला मामला भी नहीं आया था, उससे पूर्व ही संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रयास तेज कर दिये गये थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सूचना केंद्र राज्य व राज्य के बाहर फंसे लोगों के लिए चौबीसों घंटे कार्य कर रहा है. 15 सीनियर आईएएस अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया गया है, ताकि राज्य के बाहर फंसे लोगों को मदद मिल सके. करीब छह लाख 94 हजार लोग राज्य से बाहर हैं, इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में लोग फंसे हैं। राज्य सरकार बाहर फंसे 60 से 70 प्रतिशत लोगों तक अपनी पहुंच बना रखी है. राज्य के अंदर सभी जरूरतमंद लोगों को पंचायत और थाना स्तर पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री दाल भात योजना पूर्व की तरह संचालित है. राज्य में अनाज की कमी नहीं है. सभी पंचायत के मुखिया को अनाज हेतु 10-10 हजार रुपये उपलब्ध कराये गये हैं.

उपायुक्तों को दिये गये हैं 50-50 लाख रुपये

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सब लॉकडाउन है. किसी तरह की गतिविधियां नहीं हो रही हैं. रोजगार पर सीधा असर हुआ है. राज्य के सभी जिला के उपायुक्तों को 50-50 लाख रुपये दिये गये हैं, ताकि भूख से किसी की मौत न हो. जरूरी सामानों को लेकर जा रहे वाहनों पर रोक नहीं है. लोगों के मन से भय निकलाने की जरूरत है. लॉकडाउन खुलेगा तो कैसे खुलेगा. इसकी तैयारी करने की जरूरत है. पांच से छह लाख लोग यदि झारखंड आयेंगे तो राज्य के अंदर उन्हें कैसे रोजगार उपलब्ध करायी जाए, इसपर भी कार्य करने की जरूरत है. लोहरदगा जिला छोड़ कर राज्य के सभी जिला अन्य राज्य की सीमा से जुड़े हैं. इस समय सरकार का ध्यान कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने पर केंद्रित है. कालाबाजारी न हो इसपर पूर्ण ध्यान है.

जल्द ही आठ जांच मशीनें कार्य करने लगेंगी

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि राज्य में जांच के लिए चार मशीनें हैं, जिसमें दो रांची और दो जमशेदपुर में हैं. अन्य चार मशीन जल्द स्टॉल कर जांच कार्य में तेजी लायी जायेगी. 15 हजार टेस्ट किट राज्य में उपलब्ध है. हिंदपीढ़ी में संक्रमण प्रभावित पहले मरीज के संपर्क में आनेवाले 74 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है. जिस क्षेत्र में संक्रमण पाया गया है, उस क्षेत्र को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है. निजी अस्पताल को 250 वेंटिलेटर के लिए टैग किया गया है. 300 अतिरिक्त वेंटिलेटर मंगाया जा रहा है. मार्च और अप्रैल माह के पेंशन की राशि निर्गत कर दी गयी है. आनाज का उठाव मई तक का शुरू हो गया है. मनरेगा में पर्याप्त राशि उपलब्ध है. 15 फरवरी तक बाहर से एक लाख 73 हजार लोग झारखंड आये, जिसमें से एक लाख 45 हजार को होम क्वारेंटाइन किया गया है. राज्य में करीब 30 हजार होमगार्ड जवानों व वनरक्षकों को चिह्नित किया गया है, जिनको आवश्यकता अनुसार कार्य सौंपा जायेगा. झारखंड के गांवों में अधिक जागरूकता है. पंचायत भवन को क्वारेंटाइन सेंटर में बदला गया है. गांव में बाहर से आनेवालों की सूचना सेविका व सहायिका उपलब्ध करा रही हैं.

बोले डीजीपी – पुलिस का मनोबल ऊंचा है

पुलिस महानिदेशक एमवी राव ने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. बल प्रयोग न करते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है, इससे संबंधित 40 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का मनोबल ऊंचा है. बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी भी उपस्थित थे.

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