लोकसभा में उठा झारखंड में हो रहे गो तस्करी का मामला, प्रभात खबर का हवाला देते हुए संजय सेठ ने की ये मांग
गो तस्करी का अवैध व्यापार महीने में 100 करोड़ से अधिक का है. संजय सेठ ने कहा कि झारखंड में गो-तस्करी बड़ा अपराध बन गया है और अब यह संगठित रूप से हो रहा है. पहले यहां अंतरराज्यीय था, अब अंतरराष्ट्रीय हो चुका है.
सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में झारखंड में बढ़ती गो तस्करी का मामला उठाया. साथ ही नियम 377 के तहत इस पर राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर ने इस तरह की तस्करी पर एक खबर छापी थी, जो बेहद ही अमानवीय दृश्य को दिखानेवाला था. गायों को केले के थंब में बांध कर गंगा नदी में उतार दिया जाता है और वह बहते हुए बांग्लादेश तक पहुंच जाती है.
यह अवैध व्यापार महीने में 100 करोड़ से अधिक का है. उन्होंने कहा कि झारखंड में गो-तस्करी बड़ा अपराध बन गया है और अब यह संगठित रूप से हो रहा है. पहले यहां अंतरराज्यीय था, अब अंतरराष्ट्रीय हो चुका है. यहां गो-तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि इसका विरोध करनेवालों को जिंदा जला दिया जाता है. गाड़ी से कुचल कर दारोगा की हत्या कर दी जाती है.
संतालपरगना की तीन-चार हाटों से 25 करोड़ से अधिक का कारोबार
संतालपरगना की तीन-चार बड़ी हाटों से पशुधन की खरीद-बिक्री होती है. देवघर के मोहनपुर व सिमरमोड़, पाकुड़ के हिरणपुर तथा दुमका में सप्ताह में अलग-अलग दिन पशुओं की हाट लगती है. इन हाटों से हर सप्ताह करीब 25 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है. संताल परगना की इन हाटों से खरीद के बाद पशु की तस्करी बांग्लादेश के साथ-साथ लाख बिहार के अररिया व किशनगंज के लाइसेंसी बूचड़खानों तक होती है. संतालपरगना की तीन-चार बड़ी हाटों से पशुधन की खरीद-बिक्री हो रही है. देवघर के मोहनपुर व सिमरमोड़, पाकुड़ के हिरणपुर तथा दुमका में सप्ताह में अलग-अलग दिन पशुओं की हाट लगती है. इन हाटों से हर सप्ताह करीब 25 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है. संताल परगना की इन हाटों से खरीद के बाद पशु की तस्करी बांग्लादेश के साथ-साथ लाख बिहार के अररिया व किशनगंज के लाइसेंसी बूचड़खानों तक होती है.