झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से निजी अस्पतालों ने 3 दिन में ही वसूले 3.5 लाख, खुद सुनाया किस्सा
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य सम्मेलन में श्री राधाकृष्णन ने इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में ली जाने अव्यवहारिक राशि पर भी बातें की.
स्वास्थ्य देखभाल की लागत लगातार बढ़ रही है. इस कारण अधिकतर लोग परेशान हो जाते हैं. इस मुद्दे को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. इसके लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है. इसे और अधिक सस्ता बनाने के लिए तरीके खोजने होंगे. यह बातें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शनिवार को स्थानीय होटल में कही.
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य सम्मेलन में श्री राधाकृष्णन ने इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में ली जाने अव्यवहारिक राशि पर भी बातें की. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुआ था, तो तीन दिन में ही तीन लाख पचास हजार का बिल दे दिया गया. उन्होंने इशारों में कहा कि हमलोगों में कुछ अपने एथिक्स होने चाहिए.
सुविधाओं की कमी के कारण कोई परेशान न हो :
उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि झारखंड में सुविधाओं की कमी के कारण कोई भी परेशान न हो. उचित मूल्य पर सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये. स्वास्थ्य सुविधाओं को हर किसी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखें. हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि स्वास्थ्य सेवाएं सभी के लिए आसानी से सुलभ होना चाहिए.
स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए नियामक निकायों को स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और बीमा कंपनियों के साथ काम करने की आवश्यकता है, ताकि स्थायी वित्त पोषण मॉडल विकसित किये जा सकें. भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ और सस्ती करने की जरूरत है.
स्वास्थ्य विभाग का अहम रोल :
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य एक ऐसा क्षेत्र है, जहां जन्म के पूर्व से लेकर अंत तक किसी न किसी कारण से स्वास्थ्य विभाग का अहम रोल होता है. क्वालिटी मैनपावर सहित अन्य चीजों की जरूरत है. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ाया है. सुदूर गांवों तक के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, इसके लिए बाइक एंबुलेंस की सुविधा दी गयी है.
सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाये :
राज हॉस्पिटल के चेयरमैन जोगेश गंभीर ने कहा कि पाकुड़, साहिबगंज सहित अन्य जगहों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं है. ऐसी जगहों पर अच्छी स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की जरूरत है. प्रदेश में मेडिकल कॉलेज और डॉक्टरों की कमी है. हमें इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए. सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाये, ताकि हर काम आसानी से हो सके.
सम्मेलन में पारस एचइसी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर एवं चेयरमैन डॉ संजय कुमार, यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेन फंड की कम्यूनिकेशन स्पेशलिस्ट अस्थाअलंग ने भी विचार रखे. स्वागत भाषण पीएचडी चेंबर के महासचिव सौरभ सांन्याल और समापन भाषण एमके गुप्ता ने दिया .
प्रोत्साहन देने की आवश्यकता
राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य पेशेवर अच्छी तरह से प्रशिक्षित हों. प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के साथ अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवा पेशे में लाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा. इसके लिए प्रोत्साहन देने की जरूरत है.