भाकपा माओवादियों ने लातेहार में एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला, चतरा में जेसीबी को फूंका
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी और सरायकेला-खरसावां के ट्राईजंक्शन में पुलिस एवं सुरक्षा बलों की नक्सल विरोधी कार्रवाई के बीच भाकपा माओवादी के सदस्यों ने लातेहार में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी है. वहीं, चतरा जिले में एक जेसीबी को फूंक दिया है.
भाकपा माओवादियों ने लातेहार और चतरा में एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की है. लातेहार जिले में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी, जबकि चतरा जिले में सड़क निर्माण में लगे जेसीबी को फूंक दिया है. दोनों घटना बुधवार देर रात की है. लातेहार के मृतक की पहचान देवकुमार प्रजापति (35) के रूप में हुई है. लातेहार में हुई घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस वहां नहीं पहुंची थी.
पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाकर मार डाला
लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड स्थित नेतरहाट थाना क्षेत्र में भाकपा माओवादियों ने एक घटना को अंजाम दिया. बताया गया है कि दूरूप पंचायत के ग्राम दौना में रात को भाकपा माओवादी के नक्सली पहुंचे. इन्होंने कई ग्रामीणों पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उन्हें घर से बाहर निकाला. कई लोगों की पिटाई की. इसमें एक व्यक्ति की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी. मृतक का नाम देवकुमार प्रजापति (35) है.
चतरा के लावालौंग में नक्सलियों का तांडव
उधर, चतरा जिले में एक बार फिर माओवादियों ने तांडव मचाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की है. लावालौंग थाना क्षेत्र के टूनगुन गांव में जेसीबी को आग के हवाले कर दिया.जेसीबी गांव के ही संवेदक शंकर साव की है. उन्होंने बताया कि रात में हथियारबंद कुछ लोग पहुंचे और खुद को भाकपा माओवादी का सदस्य बताते हुए जेसीबी को आग के हवाले कर दिया.
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टुनगुन-बधार पथ निर्माण में लगे जेसीबी को जलाया
जेसीबी टुनगुन-बधार पथ निर्माण कार्य में लगा था. कार्स पीएमजीएसवाई के तहत कराया जा रहा था. सूचना पाकर थाना प्रभारी बमबम कुमार दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. थाना प्रभारी ने कहा कि हो सकता है शरारती तत्वों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया हो. हालांकि, नक्सलियों के हमले से भी इंकार नहीं किया जा सकता.
नक्सली घटना से संवेदकों में दहशत का माहौल
थाना प्रभारी ने कहा है कि मामले की हर एंगल से जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. जिस किसी ने भी जेसीबी में आग लगायी है, उसे शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उधर, इस घटना के बाद से क्षेत्र के संवेदकों में दहशत का माहौल है.
झारखंड के 16 जिलों में सक्रिय हैं नक्सली
बता दें कि झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य है. झारखंड सरकार और पुलिस का दावा है कि प्रदेश में अब कुछ ही जगहों पर नक्सली बचे हैं, जिन्हें जल्द ही खदेड़ दिया जायेगा. लेकिन, केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड के 16 जिले ऐसे हैं, जहां नक्सली सक्रिय हैं. यानी अभी भी 24 में से 16 जिलों में नक्सली मौजूद हैं.
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लातेहार का बूढ़ा पहाड़ था नक्सलियों का बसेरा
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि लातेहार और चतरा कभी घोर नक्सल प्रभावित जिले हुआ करते थे. लातेहार, गढ़वा से लेकर छत्तीसगढ़ तक फैले बूढ़ा पहाड़ पर दुर्दांत नक्सलियों का बसेरा हुआ करता था. बूढ़ा पहाड़ पर पुलिस जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाती थी. लेकिन, केंद्रीय बलों की मदद से इस पहाड़ को अब नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है. मुख्यमंत्री खुद वहां गये और विकास योजनाओं की सौगात वहां के ग्रामीणों को दी. बाकायदा बूढ़ा पहाड़ पर तिरंगा भी फहराया गया था.
विकास कार्य बाधित कर लेवी वसूलता है भाकपा माओवादी
पहले नक्सली पुलिस को निशाना बनाते थे. बाद में जब उन पर हमले शुरू हुए, तो उन्होंने ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिर मानकर उनकी हत्या करनी शुरू कर दी. विकास कार्यों को बाधित करने की हरसंभव कोशिश की. इसके लिए सड़क निर्माण को रोका, पुल-पुलिया के निर्माण को रोका. सरकार ठेका लेने वाले ठेकेदारों से लेवी की वसूली की. लेवी नहीं देने पर उनकी मशीनों को, जेसीबी, हाइवा आदि को जलाना शुरू क दिया.
पुलिस कर रही नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील
झारखंड पुलिस ने पिछले दिनों दावा किया कि नक्सलियों की कमर टूट चुकी है. उसके अधिकतर सदस्यों ने या तो सरेंडर कर दिया है या सरेंडर करने वाल हैं. जिन लोगों ने पुलिस की चेतावनी मानकर सरेंडर नहीं किया है, जल्दी ही उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया जायेगा. पुलिस लगातार अपील कर रही है कि नक्सली मुख्यधारा में लौट आयें. वे सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ उठायें और इज्जतदार शहरी की जिंदगी जीना शुरू करें. इसमें पुलिस और सरकार उनकी मदद करेगी.