महेंद्र सिंह शहादत दिवस : देश को कंपनीराज की गिरफ्त में आने से बचाना बड़ी चुनौती, रांची में बोले शुभेंदु सेन
Mahendra Singh Martyrdom Day|भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने कहा कि कॉमरेड महेंद्र सिंह का शहादत दिवस ‘फासीवाद मिटाओ लोकतंत्र बचाओ दिवस’ के रूप मे मनाया जा रहा है. शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए देश की राजनीति को कॉरपोरेट की गिरफ्त से बचाना सबसे बड़ी चुनौती है.
Mahendra Singh Martyrdom Day|जननायक महेंद्र सिंह के 19वें शहादत दिवस पर सोमवार को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. कॉमरेड महेंद्र सिंह के शहादत दिवस को भाकपा माले ने पूरे राज्य में जन संकल्प दिवस के रूप मनाया. रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर अयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गरीब, मजदूर महिलाएं शामिल हुईं.
महेंद्र सिंह अमर रहे, महेंद्र सिंह तुम जिंदा हो खेतों में खलिहानों में जनता के अरमानों में, फासीवाद मिटाओ लोकतंत्र बचाओ, शहीदों के सपनों का भारत बनाओ के नारे लगाये गये. 16 जनवरी को ही महेंद्र सिंह की पत्नी शांति सिंह का भी निधन हुआ था. इसलिए उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गयी.
भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने कहा कि कॉमरेड महेंद्र सिंह का शहादत दिवस ‘फासीवाद मिटाओ लोकतंत्र बचाओ दिवस’ के रूप मे मनाया जा रहा है. शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए देश की राजनीति को कॉरपोरेट की गिरफ्त से बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. शहीदों के सपनों का मतलब गरीबों की जिंदगी में मुकम्मल बदलाव और खुशहाली से है. महेंद्र सिंह ने इसलिए शहादत दी.
उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे मुखर आवाज थे. सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि मॉडल पुलिस स्टेट का पहला निशाना कोयल-कारो के विस्थापितों पर गोली चली और उसके बाद अगर संघर्ष का कोई साथी दिखा, तो वो थे महेंद्र सिंह. महेंद्र सिंह पुलिस दमन के खिलाफ झारखंड की सड़कों से लेकर सदन तक सबसे ज्यादा मुखर रहे. यही कारण है कि हम आज भी महेंद्र सिंह को खेतों में खलिहानों में जंगलों, नदी-नालों को बचाने के संघर्ष में ढूंढ़ते हैं.
फादर टॉम ने कहा कि महेंद्र सिंह एकमात्र जनप्रतिनिधि थे, जो जनता के प्रति सबसे अधिक प्रतिबद्ध थे. फादर स्टैन स्वामी हमेशा कहा करते थे कि झारखंड में एक ही व्यक्ति है, जो हक-हुकूक की आवाज उठाता है. वह हैं महेंद्र सिंह. हम महेंद्र सिंह के संघर्षों के रास्ते आगे बढ़ते रहेंगे. राजद के नेता राजेश यादव ने कहा सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए महेंद्र सिंह ने शहादत दी. गरीब वंचितों की लड़ाई माले और राजद लड़ रही है हम मिलकर उनके सपनों को साकार करेंगे. अजय सिंह ने कहा की जन मुद्दों के समर्थन में आवाज उठाने वालों की हमेशा राजनीतिक हत्याएं हुईं हैं, पर हत्याओं से विचारों का अंत नहीं किया जा सकता है.
माकपा के रांची नगर कमेटी के नेता एसके राय ने कहा कि समाज बदलने की लड़ाई के सबसे मुखर प्रवक्ता कॉमरेड महेंद्र सिंह थे. झारखंड आंदोलनकारी पुष्कर महतो ने कहा कि जनवरी से ही झारखंड में संघर्ष और शहादत का इतिहास जुड़ा रहा है. 16 जनवरी इसी से जुड़ा काला दिन है. हत्या की सुपारी पहले अपराधियों को मिलती थी. जब हत्या करने की सुपारी एसपी को मिलने लगे, तो राज्य की हालत आप समझ सकते हैं? दीपक वर्मा जैसे हत्यारों को जब तक सजा नहीं मिलती है, आंदोलन जारी रहेगा.
मासस के नेता सुशांतो मुखर्जी ने कहा कि महेंद्र सिंह झारखंड के जल, जंगल, जमीन को बचाने के संघर्ष में अप्रत्यक्ष रूप से आज भी हमारे साथ हैं. इंसाफ मंच के नेता नदीम खान ने कहा कि महेंद्र सिंह हमेशा अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे. इनकी हत्या गरीबों की आवाज को दबाने की साजिश है. यह साजिश कभी सफल नहीं होगी.
जन संकल्प सभा की अध्यक्षता नगर सचिव नंदिता भट्टाचार्य ने की. सभा को माले राज्य कमेटी के सदस्य भुवनेश्वर केवट, अल्पसंख्यक अधिकारों के रहनुमा मुफ्ती अजहर कासमी, समाजिक कार्यकर्ता प्रवीर पीटर, मजदूर नेता भीम साहू, आदिवासी संघर्ष मोर्चा के सुदामा खलखो, अल्मा खलखो, फादर टॉम, शांति सेन, मेवा उरांव, दिनेश राम, मो इकबाल, अंसारी महापंचायत के सदर अब्दुल रजाक, महावीर मुंडा आदि नेताओं ने संबोधित किया.