माकपा ने वाम एकता के बिखराव के लिए भाकपा को ठहराया जिम्मेदार
माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने मंगलवार को भाकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता और राज्य सचिव महेंद्र पाठक को पत्र लिखकर वाम एकता के बिखराव के लिए भाकपा को जिम्मेदार ठहराया है.
रांची. झारखंड में वाम एकता के बिखरने के लिए वामदलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने मंगलवार को भाकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता और राज्य सचिव महेंद्र पाठक को पत्र लिखकर वाम एकता के बिखराव के लिए भाकपा को जिम्मेदार ठहराया है. विप्लव ने कहा कि भाकपा ने न केवल उनके अनुरोध को नजरअंदाज किया बल्कि बिना चर्चा के चतरा संसदीय सीट पर उम्मीदवार देने की घोषणा कर दी. माकपा ने कहा कि इस घोषणा से वाम दलों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है. इस लिहाज से अब इंडिया सीटों की शेयरिंग की संभावना नजर नहीं आ रही है और वामदलों को संसदीय मोर्चे पर राज्य में अपनी उपस्थिति को भी बचाये रखने की दोगुनी चुनौती है. विगत आठ मार्च को भाकपा कार्यालय में भाकपा और माकपा की संयुक्त बैठक में तब माकपा ने राज्य की दो सीटों राजमहल और चतरा में प्रत्याशी दिये जाने की सूचना देते हुए अनुरोध किया था कि उक्त दोनों सीटों पर भाकपा उनके प्रत्याशी को समर्थन दे. माकपा ने कहा कि बेहतर होता कि 18 वीं लोकसभा चुनाव में वाम एकता को मजबूत करते हुए भाजपा को साझा तरीके से हराने का प्रयास किया जाता. इंडिया गठबंधन की ओर से कोडरमा की सीट को साझा तरीके से भाकपा-माले के लिए छोड़ा गया है. वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने दो और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने दो सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. माकपा, राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता बचाने के लिए 6% वोट प्रतिशत हासिल कर अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ रही है. जबकि, भाकपा ने यह मान्यता पहले ही गंवा दी है. अब वोट प्रतिशत हासिल करने की यह लड़ाई आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गयी है. माकपा और भाकपा के बीच यह लड़ाई चतरा सीट को लेकर है. माकपा यहां पहले से ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी जबकि इस सीट पर भाकपा ने भी अपनी दावेदारी पेश कर दी है.