Crime Against Women: भारत में महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं. उन पर सबसे ज्यादा अत्याचार अपने ही लोग करते हैं. पति या परिवार की सबसे ज्यादा प्रताड़ना महिलाओं को झेलनी पड़ती है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB-2021) की हालिया रिपोर्ट में ये बात कही गयी है. इसमें बताया गया है कि देश में वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,28,278 केस दर्ज किये गये. इसमें 31.8 फीसदी मामले पति या परिवार की क्रूरता का है.
पति और परिवार की प्रताड़ना के बाद नंबर आता है महिलाओं के शील हनन से जुड़े आपराधिक मामलों का. वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ दर्ज कुल आपराधिक मामलों में 20.8 फीसदी हिस्सेदारी शील हनन से जुड़े थे. 17.6 फीसदी मामले महिलाओं के अपहरण का है, जबकि 7.4 फीसदी बलात्कार के मामले दर्ज किये गये हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि का आलम यह है कि वर्ष 2020 में एक लाख महिलाओं में 56.5 को किसी न किसी प्रकार की हिंसा झेलनी पड़ी, जबकि वर्ष 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 64.5 हो गया.
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झारखंड में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि दर्ज की गयी है. हालांकि, वर्ष 2021 में वर्ष 2019 की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या में कमी दर्ज की गयी है. एनसीआरबी के रिकॉर्ड बताते हैं कि वर्ष 2019 में झारखंड में 8,760 मुकदमे दर्ज किये गये थे, जबकि वर्ष 2020 में यह घटकर 7,630 रह गया. वर्ष 2021 में इस आंकड़े में वृद्धि दर्ज की गयी और यह बढ़कर 8,110 हो गया. हालांकि, चार्जशीट की दर के मामले में झारखंड का रिकॉर्ड राष्ट्रीय स्तर से बेहतर है. झारखंड में 79.7 फीसदी मामलों में चार्जशीट हो जाती है, जबकि देश में मात्र 77.1 फीसदी मामलों में चार्जशीट पेश की जाती है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने आबादी का जो प्रोजेक्शन दिया है, उसमें कहा गया है कि झारखंड में महिलाओं की आबादी 1 करोड़ 88 लाख 50 हजार है. इनमें से 43 फीसदी महिलाओं का किसी न किसी रूप में अपराध से सामना होता है. वहीं, देश में 64.5 फीसदी महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं. केंद्रशासित प्रदेशों की बात करें, तो महिलाओं के खिलाफ अपराध का आंकड़ा 104.5 फीसदी है. सबसे बुरी स्थिति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 147.6 फीसदी हैं.
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अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 89.4 फीसदी हैं, जबकि चंडीगढ़ में 61.7 फीसदी, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में 25.3 फीसदी, लद्दाख में 13.8 फीसदी, लक्षद्वीप में 27.3 फीसदी और पुडुचेरी में 18.5 फीसदी मामले वर्ष 2021 में दर्ज किये गये. जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 61.6 फीसदी मामले दर्ज किये गये.