Jharkhand News, Ranchi: राज्य के सभी जिलों में संगठित अपराध गिरोह से जुड़े अपराधी और दूसरे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए अपराधियों को अब तीन श्रेणी में बांटा जायेगा. सीआइडी मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने और सत्यापन करने का टास्क दिया है. इस आधार पर जिला स्तर पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. उक्त पुलिस आदेश राज्य में अपराध नियंत्रण को लेकर 13 मई 2011 को तत्कालीन डीजीपी गौरी शंकर रथ ने तैयार किया था.
सीआइडी मुख्यालय ने फॉर्मेट उपलब्ध कराया : गिरोह से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और सत्यापन के लिए सीआइडी मुख्यालय ने एक फॉर्मेट भी उपलब्ध कराया है. पहले कॉलम में गिरोह से जुड़े अपराधी का नाम, उस पर दर्ज केस की संख्या, केस में वर्तमान स्थिति और पांचवें कॉलम में सत्यापन की स्थिति के बारे में उल्लेख करना होगा. चिह्नित अपराधी के खिलाफ दर्ज केस में अगर सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान हुआ हो, तो उसमें स्पीडी ट्रायल की अनुशंसा की जायेगी.
ट्रायल की मॉनिटरिंग भी होगी. फरार अपराधियों के बारे में पूरा विवरण तैयार करने के लिए भी एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है. साथ ही अपराधी को पकड़ने की रणनीति के बारे में एक कॉलम में उल्लेख करना होगा. सक्रिय अपराधी जिसके खिलाफ सीसीए का प्रस्ताव तैयार किया जाना है, उन पर कार्रवाई के लिए भी एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है.
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किस श्रेणी में कौन अपराधी होंगे
पहली श्रेणी: बड़े व्यापारियों व ठेकेदार से रंगदारी वसूलनेवाले इंटर स्टेट व अंतर जिला गिरोह के सदस्य जैसे अमन साहू, अमन श्रीवास्तव, अमन सिंह और पीएलएफआइ से जुड़े उग्रवादी सूचीबद्ध होंगे.
दूसरी श्रेणी: डकैती, लूट, फिरौती के लिए अपहरण और मादक पदार्थ की तस्करी करनेवाले गिरोह से जुड़े लोग सूचीबद्ध होंगे.
तीसरी श्रेणी: इंटर स्टेट एवं अंतर जिला गिरोह से जुड़े वाहन चोरी करनेवाले और गृह भेदन करनेवाले अपराधी सूचीबद्ध किये जायेंगे.
Posted by: Pritish Sahay