झारखंड : जीआरपी व आरपीएफ के क्षेत्र में 2020 व 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में बढ़ा अपराध का ग्राफ
जीआरपी में वर्ष 2022 में कुल 820 केस दर्ज किये गये. इसमें हत्या के सात, लापरवाही से मौत का एक, आत्महत्या का दो, हत्या के प्रयास का दो, आहत करने का 21 व महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के चार मामले सामने आये.
रांची : झारखंड में रेलवे के क्षेत्र में लगातार अपराध में बढ़ोतरी हो रही है. वर्ष 2020 और 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में अपराध तेजी से बढ़ा है. नेशनल क्राइम रिकाॅर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) ने इस संबंध में वर्ष 2022 की रिपोर्ट जारी की है. इसके तहत जीआरपी (राज्य की सरकारी रेल पुलिस) और आरपीएफ (भारतीय रेल का रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) दाेनों ही क्षेत्र में अपराध में इजाफा हुआ है. झारखंड में जीआरपी के थानों में वर्ष 2020 में 263, 2021 में 485 और 2022 में 820 केस दर्ज हुए थे. जबकि आरपीएफ में वर्ष 2020 में 5094, 2021 में 13223 और वर्ष 2022 में 46402 केस दर्ज हुए. आरपीएफ ने 2022 में 46285 आरोपियों को गिरफ्तार किया. वहीं 45929 केस में 46172 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट किया. वहीं 45684 केस में 45928 आरोपियों को दोषी करार दिया गया.
वर्ष 2022 में जीआरपी में क्या-क्या हुआ
जीआरपी में वर्ष 2022 में कुल 820 केस दर्ज किये गये. इसमें हत्या के सात, लापरवाही से मौत का एक, आत्महत्या का दो, हत्या के प्रयास का दो, आहत करने का 21 व महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के चार मामले सामने आये. इसी तरह अपहरण के दो, मानव तस्करी के तीन, चोरी का 647 और सेंधमारी के पांच केस दर्ज किये गये थे. डकैती का एक, चोरी की संपत्ति बेईमानी से प्राप्त कर व्यवसाय करने के 90 केस सामने आये. ठगी के दो, फर्जी दस्तावेज के दो, रेस ड्राइविंग का 01, धोखाधड़ी के दो, पोक्सो एक्ट के दो, बच्चों से जुड़े दो केस, आर्म्स एक्ट के दो, एक्सप्लोसिव एक्ट के दो मामले दर्ज किये गये. वहीं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का एक, कॉपी राइट का एक, लॉटरी विनियमन अधिनियम का एक, आर्थिक मामलों से जुड़ा एक केस, एक्साइज एक्ट के छह, नारकोटिक्स एक्ट के 36 और अन्य 34 मामले हैं.
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