रांची, प्रणव : राज्य में रांची सहित सात जिलों में 43 आपराधिक गिरोहों के 498 सदस्यों की पुलिस ने शिनाख्त की है. इनमें से विभिन्न आपराधिक घटनाओं में गिरफ्तार या सरेंडर करने के बाद 232 बदमाशों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. वहीं 266 बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं या जमानत पर बाहर हैं. यही लोग समय-समय पर विभिन्न वारदातों को अंजाम देते हैं. पिछले छह फरवरी को डीजीपी अजय कुमार सिंह ने विधि व्यवस्था की समीक्षा की, तो यह तथ्य उजागर हुआ. अपराधियों की जेल से बाहर मौजूदगी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. ऐसे में विधि व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस को नये सिरे से तैयारी की जरूरत आन पड़ी है.
आपराधिक गिरोहों में अमन साव उर्फ अमन साहु ऐसे गैंगस्टर हैं, जो कई जिलों में सक्रिय हैं. जैसे लातेहार में अमन साहू गिरोह का सुजीत सिन्हा के साथ तालमेल है. पलामू में साहू गैंग हरि तिवारी गैंग के साथ मिलकर काम करता है. इसके अलावा अमन साहू गैंग रांची, हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा के अलावा कोलकाता तक सक्रिय है. इसके बाद अमन श्रीवास्तव गैंग है, जो लातेहार, हजारीबाग, रांची, रामगढ़ व चतरा में सक्रिय है. रांची में कुल 15 आपराधिक गिरोह होने की बात सामने आयी है. उक्त गिरोहों के अलावा विभिन्न जिलों में कई छोटे-छोटे गिरोह हैं, जो छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम देते हैं. वर्तमान में अमन साहु को पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस रिमांड पर साथ ले गयी है. सुजीत सिन्हा चाईबासा जेल में बंद है. इसी तरह पांडेय गिरोह का विकास तिवारी पलामू जेल में है, जबकि अमन श्रीवास्तव को राज्य की पुलिस आज तक गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो पायी है.
कोयलांचल क्षेत्र हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, खलारी और लातेहार में आपराधिक गिरोह ज्यादा सक्रिय रहते हैं. ये लोग अपने गुर्गों के साथ नये लड़कों को शामिल कर कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और व्यवसायियों से रंगदारी के तौर पर हर माह मोटी रकम वसूलते हैं. इन्हीं पैसों से ये लोग गैंग के विस्तार के लिए हथियार और अन्य साजों सामानों की खरीदारी करते हैं. पूर्व में पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि पीएलएफआइ जैसे उग्रवादी संगठनों से भी अपराधी गिरोहों का तालमेल रहता है. दोनों अपने कार्यों के लिए एक-दूसरे के गुर्गों का इस्तेमाल करते हैं.
अमन साव उर्फ अमन साहू गिरोह में 150 से ज्यादा बदमाश हैं. सिर्फ 135 बदमाश चार जिलों में हैं. पुलिस ने साव के लातेहार में 43, पलामू में 12, हजारीबाग में 71 और रांची में नौ गुर्गों की पहचान की है. इसके अलावा रामगढ़, चतरा, देवघर, कोलकाता आदि जगहों पर भी अमन साव का नेटवर्क है.
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कोयला व गैंगेस्टरों के कारनामों को लेकर चर्चित रहे धनबाद में आये दिन आपराधिक वारदातें होती रहती हैं. यहां पर वैसे तो कई छोटे-मोटे आपराधिक गिरोह हैं, लेकिन मुख्य रूप से हजारीबाग जेल में वर्तमान में कुख्यात अमन सिंह बंद है, जिसके गिरोह ने धनबाद में एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस के अनुसार, इसके गिरोह के 65 बदमाशों की पहचान की गयी है. इसमें से 49 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है, जबकि इसके 16 शातिर गुर्गे जेल से बाहर रहकर पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इस गैंग के अलावा दूसरा गैंग है प्रिंस खान. इस गैंग के भी 45 लोगों की पुलिस ने फाइल तैयार की है. इसमें से 31 को पुलिस ने जेल भेजा है, जबकि 14 जेल से बाहर हैं.
हजारीबाग जेल में पेशी के दौरान पांडेय गिरोह के शूटरों ने सुशील श्रीवास्तव की एके-47 से गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसमें पिता की जगह पर अमन श्रीवास्तव ने गिरोह की कमान संभाली. करीब छह-सात माह पूर्व राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने श्रीवास्तव गैंग के ठिकानों पर छापामारी की थी. इस दौरान अमन श्रीवास्तव बेंगलुरू में एटीएस की टीम को चकमा देकर फरार हो गया था, जबकि इसके बहनोई, भाई, रिश्तेदार व गिरोह के कुछ और लोगों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया गया था. लेकिन बेंगलुरू की घटना के बाद से फिर अमन श्रीवास्तव कहां है, यह बात सामने नहीं आयी है. लेकिन इसके गिरोह के लोग कोयलांचल में सक्रिय हैं. इसके गैंग में करीब 53 शातिर हैं. उधर, सुशील श्रीवास्तव की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता व पांडेय गिरोह का विकास तिवारी पलामू जेल में है. जेल जाने के बाद उसका गिरोह काफी कमजोर हो गया. लेकिन रामगढ़ और आसपास के जिलों में यह गैंग भी समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है.
जिला : गिरोह : चिह्नित सदस्य : जेल में : जेल से बाहर
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लातेहार : अमन साव व सुजीत सिन्हा : 43 : 16 : 27
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लातेहार : अमन श्रीवास्तव गैंग : 20 : 00 : 20
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लातेहार : कृष्णा यादव : 08 : 04 : 04
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पलामू : गौतम सिंह उर्फ डब्लू सिंह : 12 : 02 : 10
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पलामू : अमन साव व हरि तिवारी गैंग : 12 : 03 : 09
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पलामू : प्रेमनाथ यादव : 05 : 01 : 04
गिरोह : चिह्नित सदस्य : जेल में : जेल से बाहर
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विमल डे : 08 : 02 : 06
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सन्नी सिंह : 07 : 00 : 07
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कृष्णा गोप : 13 : 04 : 09
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इंद्रजीत कुमार : 06 :00 :06
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बानेश्वर नामता उर्फ खोखा : 06 :00 : 06
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रफीक अंसारी : 04 : 04 : 00
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भुतन बागती उर्फ बबलू : 05 : 00 : 05
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अधीर प्रधान : 02 : 00 : 02
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सुबराज महतो : 04 : 01 : 03
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कादिम खान : 07 : 04 : 03
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कृष्णा राव : 13 : 03 : 10
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संतोष थापा : 12 : 10 : 02
गिरोह : चिह्नित सदस्य : जेल में : जेल से बाहर
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अमन साव उर्फ अमन साहु : 09 : 09 :00
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अमन श्रीवास्तव : 05 : 05 :00
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इश्तियाक आलम : 04 : 04 :00
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संदीप थापा :01 :00 :01
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सुजीत सिन्हा :10 :00 : 00
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जयनाथ साहु (सम्राट गिरोह) : 09 : 09 :00
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लवकुश शर्मा : 06 :06 : 00
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आफताब अंसारी :04 : 00 :04
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बबलू सिंह :06 : 00 :06
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शिव कुमार सोनी : 05 :05 :00
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अमजद गद्दी उर्फ ग्वाला उर्फ पप्पू : 01 :00 : 01
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चुन्नू राउत : 05 : 00 :05
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अमन सिंह :01 : 01 :00
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विश्वजीत उर्फ विक्की का मुंजर गैंग : 00 :00 : 00
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कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान : 08 :00 :08
गिरोह : चिह्नित सदस्य : जेल में : जेल से बाहर
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उमेश गिरी : 17 :17 :00
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अमन साव : 71 : 25 : 46
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अमन श्रीवास्तव :28 : 04 : 24
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मनोज पासवान उर्फ कैलु : 14 : 09 : 05
गिरोह : चिह्नित सदस्य : जेल में : जेल से बाहर
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अमन सिंह : 65 : 49 : 16
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प्रिंस खान : 45 : 31 : 14
गिरोह : चिह्नित सदस्य : जेल में : जेल से बाहर
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सन्नी कुमार : 02 : 02 : 00
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आरजू मल्लिक गैंग : 02 : 00 : 02
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भाहनवाज खां : 04 :02 : 02